बीजापुर : बीजापुर जिले में कुछ अधिकारी कर्मचारियों बेख़ौफ़ मनमानी कर रहे हैं। प्रशासनिक डर और कार्य में लापरवाही का नतीजा मासूमों को भुगतना पड़ रहा है। ताज़ा मामला उसूर विकासखंड के आवापल्ली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है जहां पदस्थ एक डॉक्टर की मनमानी और लापरवाही मरीज़ों पर भारी पड़ रही है। डॉक्टर पर बुजुर्गों से भी बदज़ुबानी और बेहूदगी के आरोप लगते रहे हैं। आवापल्ली में पदस्थ आर.एम. ए डॉक्टर गिरधर लाल देशलहरे बीते 3 सितंबर से लेकर 17 सितंबर तक अस्पताल से नदारद थे। जब गिरधर देशलहरे वापिस लौटे तो 3 से 8 सितंबर और 14 से 17 सितंबर तक हस्ताक्षर कर दिये। साथ ही 9 सितंबर से लेकर 13 सितंबर का सीएल अवकाश दर्ज कर दिया। जानकारी के मुताबिक़ वे अपने पैतृक गाँव चले गये। बिना अनुमति और बिना छुट्टी के गाँव जाना और लौटकर उपस्थिति पंजी में पूरे समय का हस्ताक्षर करना यही दर्शाता है कि आवापल्ली अस्पताल में बीएमओ और डॉ गिरधर देशलहरे की मनमानियाँ चरम पर हैं। 

एक तरफ़ जहां डॉक्टरों की भारी कमी के चलते मरीज़ों की मौत हो रही है। मौसमी बीमारियों ने स्कूल आश्रम छात्रावासों के बच्चों को अपनी जद में ले रखा है दुगईगूड़ा, संगमपल्ली, चेरामंगी और तारलागूड़ा के आश्रमों में छात्रों की मौत हो रही है ऐसे गंभीर और नाज़ुक समय में मुख्यालय से डॉ गिरधर देशलहरे का बिना जानकारी मौज काटने अपने गाँव चले जाना बेहद गंभीर लापरवाही दर्शाता है। 

वहीं इस पूरे मामले में ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर उसूर उमेश ठाकुर ने बताया कि उपस्थिति पंजी मेरे चैम्बर में ही रहती है ऐसी कोई जानकारी मुझे नहीं है। बीएमओ के बयान से स्पष्ट है कि डॉक्टर को बचाने का प्रयास कर रहे हैं सवाल उठता है आख़िर क्यों। डॉक्टर गिरधर देशलहरे को लेकर स्टाफ में भी तरह तरह की अफ़वाहें हैं जिनका खुलासा होना ज़रूरी है। 

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