दन्तेवाड़ा@ ट्रायबल और पिछड़े इलाकों में शिक्षा को समांतर पटरी पर लाने के लिए अंग्रेजी शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तत्कालीन सरकार ने दन्तेवाड़ा जिले के माडल स्कूलों की कमान डीएवी के हाथों में 3 वर्षो से सौंप रखी है। जिसे मुख्यमंत्री डीएवी पब्लिक स्कूल के नाम से जाना पहचाना जाता है। स्कूल के शुरुवाती दिनों में क्षेत्रीय कई शिक्षकों को संस्था में सेवाये देने के लिए भर्ती किया गया।पर उन्हीं शिक्षकों को अब नियम कायदे और आर्हता के नाम पर नियमतिकरण पर रोक लगाते हुए संस्था से बाहर का रास्ता दिखाने का फार्मूला तैयार किया गया है।
दरअसल कुआकोंडा के हितावर गांव में डीएवी पब्लिक स्कूल की शिक्षिका रागनी गुप्ता को संस्था ने हाल में ही 2 दिनों में शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीण प्रमाणपत्र के जमा करने के नाम पर नौकरी से बाहर निकाल दिया। जबकि रागनी गुप्ता उक्त संस्था में 2 वर्षो से बतौर रेगुलर सेवाये दे रही थी। फिर भी संस्था ने स्नातक, स्नाकोत्तर पर 50% से अधिक उत्तीण की मार्कशीट 2 दिन के भीतर जमा करने का आदेश थमाते हुए उन पर कार्यवाही कर दी। रागनी गुप्ता ने संस्था पर दुर्भावनावश और इसे दोयम दर्जे की एकतरफा कार्यवाही का संस्था पर आरोप लगाया है। क्योकि जानकारी के अनुसार दर्जनों ऐसे शिक्षक भी संस्था में मौजूद है जिनके पास संस्था द्वारा मांगे गये उक्त प्रमाण आज भी मौजूद नही है। उन्हें संस्था ने दस्तावेज जमा करने के लिए 1 वर्ष की मोहलत दे रखी है । कई शिक्षक ऐसे है जो डीएव्ही और सीबीएससी की अहर्ताएं पूरी नही करते बावजूद इसके ऐसे शिक्षक नियमित सेवाएं दे रहे है । इतना ही नही पीड़ित शिक्षिका ने यह भी मीडिया को जानकारी दी कि आज पर्यंत तक संस्था ने न तो नियमितीकरण का लिखित आदेश दिया और न ही कभी इन प्रमाण पत्रों की मांग की गई। इन सबसे डीएवी संस्था के अंदर चलने वाली गड़बड़ियां साफ तौर पर उजागर हो रही है। जबकि इधर दूसरी तरफ डीएवी संस्था के प्राचार्य बीके शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि उक्त शिक्षा 2 वर्षो में 6 महीने मैटरनिटी लिव पर थी उसके बाद फिर 3 महीने छुट्टी पर चली गयी साथ ही जम्प लिव लगातार लेते रही। साथ ही उन्होंने शिक्षक पात्रता प्रमाण पत्र समय पर जमा नही किया जिसके वजह से मैनेजमेंट ने निर्णय लेकर उन पर कार्यवाही की है।
जबकि जानकारी के लिए यह भी बता दे कि प्रशासन संपूर्ण प्रशासनिक व्य्य डीएवी संस्था पर करती है। मगर मॉनीटिरिंग की कमी की वजह से कह लीजिए या फिर प्रशासन को संस्था द्वारा इंटरनल मेटरो को छुपाने की वजह से इस तरह के नजारे निकलकर सामने चले आते है।
राजेन्द्र झा (जिला शिक्षा अधिकारी दन्तेवाड़ा)
जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि शिकायत मिली है डीएव्ही संस्था के शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में हमारा कोई हस्तक्षेप नही पर 2 दिवस की नोटिस पर शिक्षिका को निकाला जाना असंवैधानिक है दस्तावेजो कि जांच कर ही भर्ती ली जानी चाहिए थी हमने प्रिंसिपल को तलब किया है । जांच की जा रही है ।