बीजापुर @ छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को जोड़ने वाली तिमेड पुल लगभग बनकर तैयार हो गई है। पुल के टेस्टिंग के लिए दुपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए पुल को खोला गया है अब इस पुल के माध्यम से छत्तीसगढ़ का संपर्क महाराष्ट्र के बड़े महानगरों नागपुर और मुंबई से सीधा जुड़ जाएगा । आपको बता दें इस पुल के बनने का इंतजार आजादी के बाद बीजापुर सहित बस्तर के लाखों लोग बेसब्री से कर रहे थे ताकि इस पुल के माध्यम से व्यापार और रिश्ते नातों में प्रगाढ़ता आए। पुल से लगे भोपालपटनम नगर में इस पुल के बनने के बाद खासी चहल-पहल और लोगों में उत्साह देखी जा रही है साथ ही व्यापार के लिए अब यहां के लोगों ने महाराष्ट्र तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की ओर रुख किया है करीब 4 साल पहले इस पुल निर्माण का काम शुरू किया गया था महाराष्ट्र के वशिष्ठ कंस्ट्रक्शन कंपनी ने पुल का काम शुरू किया था इस दौरान कंपनी पर लेटलतीफी के कई आरोप भी लगे थे लेकिन आज यह पुल बनकर तैयार खड़ा है और छोटी सी लकड़ी की ढोंगी के माध्यम से आजादी के बाद अब तक जितने भी लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार करते थे वो जद्दोजहद अब पूरी तरह खत्म हो गया है।
630 मीटर लंबे इस पुल को बनाने में 4 साल का लंबा वक्त लग गया है वहीं इस लंबे वक्त के बाद एक खुशी बीजापुर वासियों को मिली है। छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र के छोर पर पाता गुड़ा में महाराष्ट्र की चौकी है जो इस पुल को नक्सल दहशत से बचाने के लिए कारगर साबित हो रहा है। पुल से लगकर एप्रोच रोड बनाने का काम तेजी पर है। जल्द इस पर से होकर वाहनों का आवागमन शुरू हो जाएगा। यहीं नहीं इस पुल के बन जाने से भोपालपट्टनम से हैदराबाद की दूर मात्र 334 किमी रह जाएगी और यह सफर 6 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। इसी तरह भोपालपटनम से महाराष्ट्र सीधे तौर पर जुड़ जाएगा पुल के उस पार महाराष्ट्र का गढ़चिरौली जिला है।