दन्तेवाड़ा-दन्तेवाड़ा जिले का सबसे चर्चित इन दिनों का विवाद बैलाडीला एनएमडीसी क्षेत्र में नन्दराज पर्वत पर १३ नम्बर निपेक्ष पर दी गई लीज और वनों की कटाई को लेकर चल रहा है। सरकार की 15 दिनों की जांच खत्म होने के बाद भी जांच प्रक्रिया पूर्ण नही हो पाने की सूरत में जोगी जनता कांग्रेस पार्टी के अमित जोगी ने सरकार पर कई सवाल खड़े करते हुए पूर्वती सरकार की तरह नई सरकार की सांठगांठ को लेकर भूपेश सरकार को जनता के लिए ठगेश सरकार बताते हुए गंभीर आरोप लगाये है। अमित जोगी ने सीएम को पत्र के माध्यम से कहा कि जब PCCF के स्थल निरीक्षण दौरान ये पाया कि कनाडा से आयातित हाई-टेक टिम्बर कटिंग मशीन से 23 मार्च 2019 को नंदराज पर्वत के हज़ारों पेड़ कुछ ही घंटों में काटे गए थे, तो वन विभाग और अडानी एंटर्प्रायज़ेज़ लिमिटेड (जो उस मशीन का मालिक है) को किस सौदेबाज़ी के अंतर्गत PCCF ने दोषमुक्त बता सकती है।

निजी कंपनी के हिमायती लोग रात को बसों में भरकर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री को उनके निजी निवास में किस हैसियत से मिला रहे हैं? हज़ारों पुलिस बल, ख़ुफ़िया तंत्र होने के बावजूद अभी तक हिरोली गाँव की ग्रामसभा सचिव का अतापता क्यों नहीं लग पाया? आख़िर उसके दिल में क्या राज हैं जो सरकार लोगों को बताना नहीं चाहती
जब NMDC सेल के लिए चिरिया और HCL के लिए खेत्री में माइनिंग ठेकेदार का कुशलतापूर्वक कार्य कर रही है, तो नंदराज पर्वत खोदने के लिए ₹66 प्रति टन की दर से अधिक पैसा देके वो ही काम NCL के निदेशक श्री ठगेश बघेल ने अड़ानी को देने की स्वीकृति कैसे दे दी? ऐसे में
जब तक पेड़ काटने वाले दोषियों पर कार्यवाही नहीं होती, पेशा के प्रावधानों के अंतर्गत हिरोली विशेष ग्रामसभा सम्पन्न नहीं होती और और NCL को आबंटित नंदराज पर्वत का अड़ानी एंटर्प्रायज़ेज़ लिमिटेड को डबल रेट में दिया माइनिंग ठेका की ED और CBI जाँच नहीं करता और उसे रद्द करने का आदेश नहीं पारित होता- जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) विधान सभा चलने नहीं देगी।

इस संबंध में जेसीसी पार्टी अध्यक्ष अमित जोगी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर कहा कि..
1. आपको ज्ञात होगा कि एन.एम.डी.सी. एवं सी.एम.डी.सी. के द्वारा बैलाडिला स्थित लौह अयस्क डिपॉजिट क्रमांक 13 का खनन हेतु ज्वाईंट वेंचर कंपनी NCL का गठन किया गया जिसमें आप स्वयं निदेशक है। NCL द्वारा डिपॉजिट क्रमांक 13 का माईनिंग ठेका अडानी इंटरप्राईजेस लिमिटेड को देने हेतु आपके अधिनस्थ ‘छत्तीसगढ़ राज्य पर्यावरण संरक्षण मण्डल’ द्वारा ‘अडानी इंटरप्राईजेस लिमिटेड’ को ‘कंसल्टेंट टू स्टेब्लीस’ प्रमाण पत्र 12.02.2019 को जारी करके डिपॉजिट क्रमांक 13 में लौह अयस्क के खनन करने की अनुमति प्रदान की जा चुकी है। बैलाडिला के ‘संयुक्त सरपंच संघर्ष समिति’ के पुरजोर विरोध के कारण आपके द्वारा डिपॉजिट क्रमांक 13 (नंदराज पर्वत) में अवैध पेड़ कटाई तथा गिरोली ग्रामसभा की 15 दिन के भीतर जांच करने हेतु आपने 11 जून 2019 को आदेश पारित किया गया था। आज उस आदेश को पारित हुए 23 दिन पूरे हो चुके हैं।
2. अत्यंत दुख का विषय है कि जांच के नाम पर आपके प्रशासन के अधिकारियों द्वारा लीपापोती का कार्य किया जा रहा है। पी.सी.सी.एफ. श्री राकेश चतुर्वेदी जी, जो की स्वयं उपरोक्त पर्यावरण संरक्षण मण्डल से सदस्य हैं, के नेतृत्व में वन विभाग का जांचदल नंदराज पर्वत पहुंचा। उसने पाया कि कुछ ही घंटों में हजारो की संख्या में पेड़ो को 25 मार्च 2019 को कनाडा से आयातित हाई क्वालिटी टिम्बर कटिंग मशीन- जिसके मालिक अड़ानी एंटर्प्रायज़ेज़ लिमिटेड है- से बड़ी मात्रा में काटा गया। (तस्वीर संलग्न) इसके बावजूद श्री राकेश चतुर्वेदी ने इस पूरे प्रकरण में स्थानीय वन विभाग और अड़ानी एंटर्प्रायज़ेज़ लिमिटेड, जिनकी नंदराज पर्वत को नंगा करने में संलिप्तिता स्पष्ट रूप से दिखती है, को दोष मुक्त कर दिया जो समझ से परे है। इसकी भी स्वतंत्र रूप से NGT से जाँच होनी चाहिए।
3. इसी प्रकार हिरोलि ग्राम पंचायत की तथाकथित 4 जुलाई 2014 को सम्पन्न PESA के प्रावधानों के अंतर्गत ग्रामसभा, जिसका प्रमाणीकरण तात्कालीन दंतेवाड़ा कलेक्टर के॰सी॰ देवसेनापति (जो वर्तमान में CMDC के MD हैं) और 2010 में सम्पन्न EIA जनसुनवाई में उपस्थित सरपंचो एवं अन्य जनप्रतिनिधियों को अडानी इंटरप्राईजेस लिमिटेड के दलालों द्वारा प्रलोभन देकर रायपुर बुलाया जा रहा है। इनमें से कई जनप्रतिनिधियों को आपसे अडानी इंटरप्राईजेस लिमिटेड के अधिकारी श्री वैभव अलसी ने आपके चरौदा और रायपुर स्थित निवास में भेंट भी कराई है । (इनके नामों और जिन किराए के वाहनों में इन्हें आपसे मिलाने लाया गया की सूची आप चाहे तो पृथक से उपलब्ध करा सकता हूँ।) इससे भी ज्यादा गंभीर विषय है कि हिरोलि की उपरोक्त ग्राम सभा के सचिव श्री बसंत नायक का इतना पुलिस बल और ख़ुफ़िया तंत्र होने के बावजूद आज तक पता ही नहीं चल पाया है: आख़िर उसके पास ऐसे क्या राज हैं जो सरकार जनता को सुनाना नहीं चाहती है? मैं आपको जानकारी देना चाहूँगा जिस सज्जन की तलाश करने में आपने पूरा प्रशासनिक, पुलिस और ख़ुफ़िया तंत्र झोंक दिया है, वे आजकल अपने तीन-मंज़िले बंगले में कांकेर में ऐसो-आराम से निवासरत हैं और आज तक उपरोक्त ग्रामसभा के विषय में उनसे किसी ने शासन की ओर से सम्पर्क भी नहीं करा है । यही हाल उस समय के सरपंच श्रीमती बुधरी और 106 अन्य हस्ताक्षरकर्ताओं का है जो अभी भी अपने हिरोली स्थित घर में निवासरत हैं। बड़ी हैरानी की बात है कि 23 दिनों के बाद भी इनके बयान दर्ज नहीं किए गए। और इन सबसे ज़्यादा दुर्भाग्यपूर्ण बात तो यह है कि आपकी सरकार द्वारा PESA क़ानून के प्रावधानों के अंतर्गत ग्राम पंचायत हिरोली की आगामी विशेष ग्रामसभा की तिथि घोषित आज तक नहीं करी गई है। उपरोक्त तथ्य सम्पूर्ण जांच प्रक्रिया पर संदेह उत्पन्न करते है।
4. इसी तारतम्य में मैं आपको एन.सी.एल. के निदेशक होने के नाते यह जानकारी देना चाहूंगा कि जिस कंपनी NMDC के साथ आपका लौह अयस्क डिपॉजिट क्रमांक 13 का खनन करने हेतु अनुबंध हुआ है, उसी NMDC कंपनी द्वारा स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) की चिरिया स्थित लौह अयस्क खदान तथा हिन्दुस्तान कापर लिमिटेड (HCL) की खेत्री स्थित कापर खदान का माईनिंग ठेकेदारी (एम.डी.ओ.) का काम किया जा रहा है। इसमें आश्चर्य की बात ये है कि उपरोक्त दोनो कार्य NMDC के द्वारा अडानी इंटरप्राईजेस लिमिटेड की तुलना में रूपये 66/- प्रतिटन की कम दर से कुशलतापूर्वक किया जा रहा है।
स्वाभाविक रूप से प्रश्न उठता है जब आपके ज्वाइंट वेंचर पार्टनर NMDC के द्वारा यही काम अडानी एंटर्प्रायज़ेज़ लिमिटेड से आधे दाम में वर्तमान में दूसरी कंपनियों के लिए किया जा रहा है, तो इसी कार्य को दुगुने दाम पर अडानी इंटरप्राईजेस लिमिटेड को आपके द्वारा देने का आदेश पारित करना न केवल छत्तीसगढ़ की जनता के साथ छलावा है बल्कि एक निजी कम्पनी को अनुचित तरीक़े से लाभ पहुँचाने और राजकोष का भारी नुक़सान करने की स्पष्ट नियत से भारी भ्रष्टाचार का ख़ुलासा करता है जिसकी ED और CBI से जाँच होनी अति-आवश्यक है।

5. कृपया उपरोक्त तीनो विषयों – वन समिति द्वारा पेड़ कटाई की जांच और ग्राम सभा की सत्यता की जाँच में भारी लीपापोती तथा NCL द्वारा अडानी इंटरप्राईजेस लिमिटेड को अनुचित मुनाफा पहुंचाने की ED और CBI से जाँच – को संज्ञान में लेते हुए तत्काल एन.सी.एल. कंपनी को आबंटित बैलाडिला लौह अयस्क डिपॉजिट क्रमांक 13 तथा अडानी इंटरप्राईजेस लिमिटेड को दिया इस लौह अयस्क खदान का माईनिंग ठेका को निरस्त करने का तत्काल आदेश पारित करेंगे।
अन्यथा हमारा दल आगामी विधानसभा सत्र को नहीं चलने देने के बाध्य होगा । हम आपको किसी भी सूरत में छत्तीसगढ़ को अडानीगढ़ नहीं बनाने देंगे।
6. उपरोक्त सम्बंध में संयुक्त पंचायत संघर्ष समिति का बयान से भी मैं आपको अवगत कराना चाहूँगा: ‘पंचायत संघर्ष समिति के लोग सरकार की जांच प्रक्रिया से बेहद नाराज है उन्हें लगने लगा है कि सरकार ने आंदोलन की गति धीमी करने के लिये समझोते का झांसा दिया था । अब अगर सही में सरकार गंभीरतापूर्वक कोई निष्कर्ष नहीं निकालती तो संघर्ष पुनः शुर करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं हैं. पंचायत संघर्ष समिति चाहती हैं कि यदि जांच में यह पाया जाये कि ग्राम सभा फर्जी थी तो उसके आधार पर मिली स्वीकृति को तुरंत रद्द करे और राज्य शासन ने जो पहले सहमति दी थी उसे वापस ले.’(http://cgbasket.in/?p=25271) अत्यंत दुःख की बात है कि आपके दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक ने संयुक्त सरपंच संघर्ष समिति के उपरोक्त बयान को भी नक्सली क़रार दिया है ।

इस सम्बंध में मेरा आपसे ये भी आग्रह है कथित जांच समिति द्वारा जांच को भटकाने एवं भोले भाले ग्रामवासियों को डराने की मंशा से प्रभावितों का बयान बन्द कमरे में लेने का प्रयास किया गया जिसका विरोध जन प्रतिनिधियों द्वारा किआ जा रहा है। श्रीमती बुधरी (सरपंच) हिरोली द्वारा बताया गया है कि 2014 तक वे हस्ताक्षर के जगह अंगूठा लगाती थीं जिससे यह स्पष्ट होता है कि ग्रामसभा के दस्तावेज में सरपंच के हस्ताक्षर उतनी ही फर्जी है जितनी आपकी स्टुपिड इन्वेस्टीगेशन टीम। यह भयावह है कि यहां ग्राम सभा की भूमिका ही ख़त्म कर दी गई है। अड़ानी को इस खदान को सौंपने के लिये सरकार ने आदिवासी हितों को किनारे कर दिया है। अतः मैं आपसे माँग करता हूँ कि फर्जी ग्राम सभा करने वालो पर पहले FIR किया जाए, उसके बाद हिरोली गांव का तथाकथित ग्राम सभा की जाँच की जाए । ज्ञात हो कि उसमें 106 लोग उपस्थित थे और वहाँ जी जनसंख्या 1000 से अधिक है, जबकि धारा 129 ख छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम 1993 में साफ कहा गया है कि पूरी जनसंख्या का एक तिहाई की उपस्थिति होना चाहिये और उस एक तिहाई में महिलाये एक तिहाई होनी चाहिये, उस ग्राम सभा का अध्यक्ष सरपंच नही होता है । उसमें वहाँ उपस्थित लोग उसको चुनते है । इनमें से किसी भी प्रावधानों का पालन नहीं किया गया। इस फर्जी ग्राम सभाके लिए जिम्मेदार छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक अधिकारी और NMDC के अधिकारियों पर IPC की धारा 471 के तहत अपराध भी दर्ज किया जाना उपयुक्त होगा ।

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