पवन दुर्गम, बीजापुर :- 2018 विधानसभा के आम चुनावों में भारी बहुमत के साथ छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार सत्ता में काबिज हुई थी। कांग्रेस की सरकार आने के बाद बीजापुर जिले के जनपद पंचायत, जिला पंचायत और तीन नगरीय निकाय बीजापुर, भैरमगढ़ और भोपालपटनम में बहुमत के साथ कांग्रेस ने पंचायत और सिटी सरकार बनाई। अब छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार है और सिटी सरकार में बीते दो चुनावों के आंकड़े देखें तो कांग्रेस की राह कठिन होने वाली है। 

बीजापुर जिले के 3 नगरीय निकायों में से बीजापुर नगरपालिका में अगले चंद महीनों में चुनाव होने हैं। चुनावी बेला का असर अब अध्यक्ष, पार्षद और राजनैतिक दलों के सोशल मीडिया में दिखाई देने लगा है। बीजापुर नगरपालिका की सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित सीट है। बीजापुर नगरपालिका गठन के बाद से हुए चुनावों में जाति आधारित पॉलिटिक्स का बोलबाला रहा है। अनुसूचित जनजाति में हल्बा जाति का बोलबाला रहा है। भारतीय जनता पार्टी से सुखलाल पुजारी और उनकी पत्नी भाग्यवती क्रमशः तीन बार अध्यक्ष पद पर काबिज रहे हैं। जबकि पिछले चुनाव में 12 पार्षदों के समर्थन के साथ बेनहूर रावतिया को कांग्रेस ने मौका देकर अध्यक्ष बनाया था। 

विधानसभा चुनाव 2023 में बीजापुर सिटी से भाजपा करीब दो हजार से जायदा वोटों से कांग्रेस से आगे रही है। कुछ ऐसा ही प्रदर्शन लोकसभा के चुनावों में रहा। भाजपा ने 2018 के विधानसभा चुनावों में सिटी से पिछड़ने का हिसाब हालिया इन दोनों चुनावों में पूरा कर लिया है। इसी के साथ सीटी सरकार में भाजपा की मजबूती कांग्रेस से ज़्यादा नजर आ रही है। 

सीधे अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा अपराजेय रही है। तीनो बार सीधे मुकाबला में कांग्रेस को पछाड़कर सुखपाल पुजारी और उनकी पत्नी भाग्यवती पुजारी अध्यक्ष चुनकर सिटी सरकार पर काबिज हुईं थी। अब दावेदारों की बात की जाये तो कांग्रेस-भाजपा दोनों दलों से कई दावेदारों के नाम आगे निकलकर आ रहे हैं।

भाजपा से इस बार इन नामों की चर्चा जोरों पर है जिसके सुखपाल पुजारी, नंद किशोर राणा और जिला राम राणा रेस में सबसे ऊपर नजर आ रहे हैं। जबकि कांग्रेस पार्टी से मौजूदा अध्यक्ष बेनहूर रावतिया के साथ साथ संभवता कांग्रेस नेत्री नीना रावतिया उद्दे और युवा पार्षद जितेंद्र हेमला दावेदार हो सकते हैं। 

आगामी नगरपालिका के चुनावों में आम आदमी पार्टी और जेसीसीजे पार्टी अपने प्रत्याशी उतारने का दावा कर रही है। अगर इन दोनों दलों ने अपने प्रत्याशी उतारे तो कई पार्षदों के माथे पर बल पड़ जाएँगे। क्योंकी दोनों दलों के 15-15 दावेदार मैदान में होंगे जो भाजपा- कांग्रेस के प्रत्याशियों के वोट बैंक में सेंधमारी करेंगे बीजापुर नगर के वार्डों में वोटरों की संख्या कम होने से जीत का अंतर बहुत कम हो जाएगा जो खतरे की घंटी है। 

इन मुद्दों के इर्द गिर्द केंद्रित होगा चुनाव

हिंदुत्व, सरकारी योजना, पेयजल समस्या,  पेयजल आपूर्ति के लिए खोदी गई सड़कों से परेशानी, वार्डों में स्ट्रीट लाइट , जर्जर गली सड़कें,  अवैध भूमि अतिक्रमण, अवैध निर्माण और भ्रष्टाचार प्रमुख मुद्दे रहेंगे जिसने इर्द गिर्द पूरा चुनाव केंद्रीत रह सकता है। इसके अलावा चुनावी तारीखों के नजदीक आते आते कई मुद्दे और उठेंगे। 

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