पवन दुर्गम, बीजापुर : कई साल पहले शाहिद कपूर अभिनीत उड़ता पंजाब मूवी में युवाओं को नशे की लत की कहानी को फिल्माया गया था और उस किरदार को अभिनेता ने जीवंत कर दिया था। जिसके बाद पंजाब में तत्कालीन सरकार ने नशे को लेकर कड़े कानून बनाए थे। अब सवाल उठता है क्या कानून सिर्फ पंजाब में ही हैं या समूचे भारत देश में। कोई भी प्रदेश हो युवाओं को नशे की लत से बचाने कठोर कदम उठाने और कानूनों का पालन कराना कर्तव्य है। इन दिनों आपके हमारे बीजापुर के युवा भी नशे की जद में हैं। नशा बेचने वाले बीजापुर में नित नए ठिकाने और ग्राहक ढूँढकर नशे के घिनौने कारोबार से मुनाफ़ा कमाने में लगे हैं।

फ़ाइल फोटो

बीजापुर में कहाँ बिक रहा है ज़हर,

बीजापुर नगर में ओल्ड बसस्टैंड बरगद पेड़ के पास बीते दिनों एक महिला के घर छापा मार कार्रवाई करके गांजा,टेबलेट पकड़ा गया था। जानकारी है की ओल्ड बसस्टैंड, कोतवाली के पास तालाब के इर्दगिर्द और ओल्ड बसस्टैंड से लेकर फल दुकानों तक में नशे का ये घिनौना समान बिक रहा है। सुव्यवस्थित तरीके से पूरा खेल चल रहा है। दीगर प्रदेश से आए कुछ चुनिंदा अपराधी रिकॉर्ड वाले लोगों ने बीजापुर में दो नंबरी पैसा कमाने का जरिया बीजापुर के युवाओं को नशे की दवा बेचकर पैसा कमाने को चुना है।

बीजापुर में एटीज़ोला, अल्फ़ाजोलम O.5, ट्रामाडोल 0.25 और गर्भवती महिलाओं को दर्द के दौरान दी जाने वाली दवा एसीप्रॉक्सी -1 बेची जा रही है। नशे के सौदागर इन नशीली दवाओं को तेलंगाना और महाराष्ट्र से बस और बाइक से तस्करी करके बीजापुर लाते हैं। लाने के दौरान महिलायें इसे कपड़े में छुपाकर या बैग में सुरक्षित रखकर लाती हैं। इसके बाद बीजापुर में अलग अलग ठिकानों से इसे बेचा जाता है। बीते 4 महीने में बीजापुर के अलग अलग ठिकानों में छापामार कार्रवाई करके पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है।

बीजापुर के दिनेश मेडिकल स्टोर के संचालक पी दिनेश कुमार ने बताया की डॉक्टर की पर्ची के आधार पर ही हम दोनों दवाई मरीजों को देते हैं। अन्यता नहीं देते हैं।

एक्सपर्ट ओपिनियन,

बीजापुर के सी.एम.एच.ओ और एम.डी.मेडिसिन डॉ.बी आर.पुजारी से सवाल जवाब,

सवाल-सर बीजापुर में अल्फ़्राजोलम और ट्रामाडोल का नशा युवा कर रहे हैं इसके क्या दुष्परिणाम हैं ?

उत्तर- आजकल युवा अल्फ़्राजोलम और ट्रामाडोल को शराब में मिलाकर नशा करते हैं। जिससे नशा ज़्यादा और जल्दी होता है। ट्रामाडोल भांग ग्रुप का मेडिसिन है। इसको ज़्यादा सेवन से नशा होता है। ज्यादातर शराब में मिलाकर इसको नशे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।

सवाल- 20-21 साल के युवाओं में लगातार इस्तेमाल से कैसी बीमारियां उभर सकती हैं ?

उत्तर- लगातार सेवन से उस दवा के आदि हो जाएँगे। जिससे नर्वस सिस्टम पर असर पड़ेगा.किडनी लिवर की बीमारियां शुरू हो जायेंगी. जिससे बाद में डायलिसिस शुरू हो जाएगा. ज़्यादा सेवन से मानसिक स्तिथि पर असर पड़ेगा। ब्रेन पर इसका सीधा असर बढ़ेगा.

सवाल- क्या बीजापुर में ऐसे युवाओं के केसेस रिपोर्ट हुए हैं ?

उत्तर- कुछ लोगों में ऐसे शिकायतें आईं हैं, उनको इन दवाओं के ज़्यादा इस्तेमाल के दुष्परिणामों के बारे में सजग भी किया गया है. अभी तक हमारे जिले में कोई रिपोर्ट नहीं आया है.

इन दवाओं के बारे में क्या बताता है गूगल.

अल्प्राजोलम टेबलेट चिंता विकार, घबराहट संबंधी विकार और अवसाद के कारण होने वाली चिंता सभी का इलाज से किया जाता है। शराब वापसी, चिंता, और दौरे संबंधी विकारों का इलाज वैलियम से किया जाता है। इसके अलावा, इसका उपयोग चिकित्सा संचालन से पहले शामक के रूप में और मांसपेशियों की ऐंठन को कम करने के लिए किया जाता है।

ट्रामाडोल और एसिटामिनोफेन के संयोजन का उपयोग तीव्र दर्द से राहत देने के लिए किया जाता है जो ओपिओइड उपचार की आवश्यकता के लिए पर्याप्त गंभीर होता है और जब अन्य दर्द दवाएं पर्याप्त रूप से काम नहीं करती हैं या सहन नहीं की जा सकती हैं।

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