दंतेवाड़ा-किरन्दुल थानाक्षेत्र के गुनियापाल इलाके से नक्सलियों ने 6 ग्रामीणों को बंधक बना लिया है। अब तक ग्रामीणों की रिहाई को लेकर कोई ठोस पहल नही हुई है। जबकि हफ्ता बीतने को आया है। इधर सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी इस मामले पर प्रेस नोट जारी कर शासन ने क्या कदम उठाए रिहाई के लिए सवाल खड़े कर रही है।

जारी प्रेस विज्ञप्ति पर उन्होंने लिखा कि
एलेक्स पॉल मेनन की रिहाई के लिए पूरा देश खड़ा था गुमियापाल के आदिवासियों की रिहाई के लिए समाज और सरकार क्यों नहीं खड़ी है…
किरंदुल थाना क्षेत्र के गुमियापाल से अपहृत ग्रामीण 06 दिन बाद भी अब तक गांव नहीं लौटे हैं। ग्यारह अगस्त रविवार रात नक्सलियों ने गुमियापाल के 06 ग्रामीणों का अपहरण कर लिया था| खबर मिलते ही मैं अगली सुबह 12 अगस्त और 14 अगस्त को गुमियापाल गाँव में गई थी| जहाँ पीड़ित परिवार से मुलाक़ात की जो अपने परिवार के सदस्यों के अपहरण से काफी दुःखी थे|
मैंने 14 अगस्त 2019 एसपी दंतेवाड़ा से दूरभाष पर ग्रामीणों के अपहरण की सुचना दी थी| पुलिस अधीक्षक ने अपहरण के मामले में कहा था कि “मेरे पास कोई शिकायत करने नहीं आये हैं| तब मैंने एसपी से कहा कि गाँव में रहने वाले पीड़ित परिवार शिकायत करने कैसे आयेंगे| क्योंकि आपकी फ़ोर्स ने 09 एवं 10 तारीख को गुमियापाल गाँव जाकर ग्रामीणों के साथ मारपीट किया था, ये जो घटना हो रही है इसके लिए आपका प्रशासन जिम्मेदार है|”
पुलिस गाँव के सीधे साधे ग्रामीण आदिवासियों को चंद पैसों का लालच दिखाकर मुखबिर बनाती रही है | इस बात को पुलिस भी कई मौकों पर स्वीकार कर चुकी है | सरकार नक्सलियों से अपनी लड़ाई में भोले भाले आदिवासियों के कंधे को मुखबिर बनाकर प्रयोग कर रही है |

शुक्रवार को दंतेवाड़ा पहुंचे सीएम भूपेश बघेल ने ग्रामीणों के अपहरण के सवाल पर मीडिया से कहा था कि वे जल्दत ही सुरक्षित गांव पहुंच जाएंगे। शासन- प्रशासन और पुलिस रणनीति है इसका खुलासा नहीं कर सकते लेकिन सरकार बताये की कितने दिनों में ग्रामीणों की सकुशल रिहाई सरकार करवा लेगी| आदिवासियों के परिजन इसके लिए गुहार कर रहे हैं |
मेरी अपील है कि इन आदिवासी ग्रामीणों की रिहाई के लिए कौन से कदम उठाये जा रहे हैं जबकि एलेक्स पॉल मेनन की रिहाई के लिए पूरा देश खड़ा था पर इनकी रिहाई के लिए समाज और सरकार क्यों नहीं खड़ी है|

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