‘’ ST के बाद सबसे बड़ा वर्ग है अनुसूचित जाति का. महारा और महरा जाति के अनुसूचित जाति में शामिल होने से संख्या दुगनी से भी अधिक’’

बीजापुर- बीजापुर जिले में जहाँ सबसे बड़ी संख्या अनुसूचित जनजाति वर्ग की है वहीं दूसरी सबसे बड़ी संख्या अनुसूचित जाति वर्ग की है। मात्रात्मक त्रुटि में सुधार के बाद आए आदेश के बाद अब संख्या में और ज़्यादा वृद्धि हो गई है। बावजूद इसके अनुसूचित जाति वर्ग ( SC) की त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में भागीदारी और प्रतिनिधित्व नगण्य है। जबकि कम जनसंख्या के बावजूद सामान्य वर्ग के लिए बीजापुर जिले में जिला पंचायत के दो सीट आरक्षित हैं। जिसके गंगालूर और तिमेड़ शामिल हैं। इस दोनों इलाकों में अनुसूचित जाति वर्ग की बहुतायत है शपथ ही साथ उसूर विकासखंड में भी अनुसूचित जाति वर्ग की बहुतायत है।

बीजापुर जिला पंचायत में कुल 10 सीटें हैं जिसमें 8 सीट अनुसूचित जाति वर्ग (ST) के लिए आरक्षित हैं वहीं गंगालूर और तिमेड़ सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित सीटें हैं। जबकि इन दोनों सीटों पर अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों की बहुलता है। अब अनुसूचित जाति वर्ग के पदाधिकारी अपने प्रतिनिधित्व को लेकर माँग कर रहे हैं.

सेवानिवृत पूर्व जिला विकासखंड शिक्षा अधिकारी डी. नागेश्वर बताते हैं की अविभाजित मध्यप्रदेश से हम अपने प्रतिनिधित्व को लेकर समय समय पर माँग करते रहे हैं। मात्रात्मक त्रुटि की वजह से हमें लंबा और कठिन संघर्ष करना पड़ा था। आख़िरकार अब अनुसूचित जाति के प्रमाणपत्र बनने लगे हैं। हम सरकार से और महामहिम राज्यपाल से भी माँग करेंगे कि बीजापुर जिले में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायतों के चुनावों में प्रतिनिधित्त्व करने का हक और अधिकार दें।

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