बीजापुर- इन दिनों बीजापुर जिले में स्वास्थ्य महकमे की ढिलाई के चलते झोलाछाप डॉक्टरों की बल्ले बल्ले है। झोलाछाप डॉक्टर बड़ी बेख़ौफ़ी से न सिर्फ़ ईलाज कर रहे हैं बल्कि इनके इलाज से अब मासूम बच्चों की मौत हो रही है।ताजा मामला आवापल्ली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मासूम की मौत के बाद सामने आया है। आवापल्ली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर्स ड्यूटी टाइम में गायब थे स्टाफ ने भी कोई सुध नहीं ली और चपरासी ने डॉक्टरों के देर से आने का हवाला देकर इंतेजार करने को कहा. रोती बिलखती माँ इंतज़ार करती रही और इसी बीच बच्चे ने दम तोड़ दिया। इस पूरे मामले में बीजापुर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बी.आर.पुजारी ने बताया की आवापल्ली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ईलाज कराने लाने से पहले परिजनों ने किसी झोलाछाप डॉक्टर से ईलाज कराया, तबियत ज़्यादा बिगड़ने के बाद परिजन सुबह सवेरे आवापल्ली अस्पताल लेकर आए। 

अब बड़ा सवाल ये है कि आख़िर झोलाछाप डॉक्टर कैसे जिले में बिना किसी डिग्री के मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं ?

 स्वास्थ्य महकमा और स्वयं सीएमएचओ को जानकारी होने के बाद भी कोई कठोर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है ? 

आख़िर किस रसूखदार राजनैतिक संरक्षण में ये गोरखधंधा जिलेभर में चल रहा है ? 

क्या इस धंधे की आड़ में कुछ सरकारी कर्मचारी भी अपनी रोटी सेक रहे हैं ? 

बीजापुर जिले के उसूर, बीजापुर और भोपालपटनम विकासखंड में सक्रिय ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के ईलाज का खामियाजा यहाँ स्थानीय निवासियों को भुगतना पड रहा है. अब देखना होगा आवापल्ली में जिस झोलाछाप डॉक्टर के ईलाज से मासूम हरीश उइका की तबीयत ज़्यादा बिगड़ने की बात स्वयं सीएमएचओ डॉक्टर पुजारी कह रहे हैं उस पर कोई कार्रवाई की जाती है या फिर कार्रवाई नहीं करने के नए बहाने खोजे जाएँगे। 

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