जगदलपुर @ इन दिनों पावर कट और लो वोल्टेज को लेकर सूबे के सरकार को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। बिजली बिल हॉफ के दावों पर जनता और विपक्ष आवाज बुलंद करने में लगे हैं। वहीं बस्तर के एकमात्र मेडिकल कालेज में प्रबंधन की बड़ी लापरवाही का खुलासा हुआ है। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन और लैब टेक्निशियन की लापरवाही से 30 हजार ब्लड सैंपल खराब हो गए। ये सारे नमूने डिमरापाल स्थित मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबॉयोलॉजी डिपार्टमेंट में रखे गए थे।
मेकॉज की लैब में करीब 30 हजार सैंपल डीप फ्रीजर में रखे थे। बिजली गुल होने पर पावर बैकअप की व्यवस्था नहीं की गई। कुछ समय पहले जब इस डिपार्टमेंट में दो दिनों के लिए बिजली गुल हुई तो सारे सैंपल खराब हो गए। अब ये सैंपल किसी काम के नहीं हैं। लैब से जुड़े अफसर अधिकारिक तौर पर तो नहीं लेकिन ये स्वीकार रहे कि वे लंबे समय से जिम्मेदार अफसरों से पावर बैकअप की मांग कर रहे थे, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
इतनी बड़ी लापरवाही पर डीन डॉ. यूएस पैकरा का कहना है कि उनको इसकी जानकारी ही नहीं है। उनसे जब ये पूछा गया कि ऐसा एक दिन में तो हुआ नहीं होगा। तो उनका कहना था कि मैं रोज लैब देखने थोड़े जाऊंगा। वैसे भी डीन साहब अभी बाहर हैं।
इस वजह से खराब हुए ब्लड सैम्पल्स,
दरअसल इनको मेडिकल सुपरविजन के तहत माइनस 20 से 60 डिग्री तापमान के बीच संरक्षित करना होता है। विभाग की लैब में बिजली कटने पर तापमान नियंत्रित रखने या पावर बैकअप की कोई व्यवस्था नहीं थी। इसलिए फ्रीजर आदि में रखे सारे सैंपल नष्ट हो गए। अब इन नमूनों से न कोई शोध या अध्ययन किया जा सकेगा। न इनकी रिपोर्ट की क्रॉस चेकिंग हो सकेगी।
किन-किन बीमारियों के थे सैंपल:
मेडिकल कॉलेज के जानकारों ने बताया कि ये सैंपल जापानी बुखार, डेंगू, हेपेटाइटिस, मलेरिया, स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों के थे ।