दन्तेवाड़ा- दो पंचायतो का पंचनामा ऐसा कि मृतक के मौत का सौदा नही बना तो 1 माह बाद क्रब पर दफन शव को प्रशासन की मदद से मौत राज ढूढने एक पक्ष गीदम आ पहुँचा।
गीदम थानाक्षेत्र अंतर्गत ग्राम घोटपाल के बचलू मुरामी की मौत का दफन राज क्या है। क्या सच मे आदिवासी क्षेत्रों में ग्रामीण इतने कम-पढ़े लिखे होते है कि शंकाओ से भरी मौत पर भी महीनों तक पुलिस की मदद नही लेते या फिर ये कहिये कि लेना नहि चाहते।। बीते महीने 13 जुलाई को बचलू 35 वर्षीय की लाश उसके ही घर से महज 200 मीटर दूर मिलती है,जिससे गांव में सनसनी फैल जाती है। जिस पर आज 1 महीने बाद पत्नी सोमाली और मायके पक्ष कटुलनार गांव ने मौत पर हत्या का दावा कर रहे है। इधर घटना के ठीक एक दो दिन पहले का घटनाचक्र और मौत के बाद 1 माह बाद न्याय की गुहार लगाने में हुई देरी का thesware.co.in ने पता लगाया बेहद ही चौकाने वाली बाते दोनों पक्षो से निकलकर सामने आई।
८.६.२०१९ को सामली ने नवजात शिशु को जन्म दिया था. जिससे मृतक बचलू के परिवार में खुशियां आई थी. ११.६.२०१९ की रात भोजन में सब्जी को लेकर विवाद उठा था। बचलू का अपने विकलांग पिता भंडारू और बुजुर्ग माँ से विवाद हुआ था। क्योंकि सोमाली नवजन्मे शिशु की वजह से रसोई में नही जा सकती थी।१२.६.२०१९ को रात में हुये विवाद को बचलू की माँ घोटपाल के ग्रामीण जिलाराम, पायकू को बताती है। बात गांव की पंचायत में पहुँचती है। जहाँ बचलू पर बुढे माँ-बाप पर अभद्रता का आरोप जिलाराम,पायकू और बैठक में उपस्थित घोटलपाल वाले लगाते है। यही से पूरा विवाद उठा। इसी बैठक में बचलू को जिलाराम, पायकू, और एक-एक करके 3 थप्पड़ जड़ देते है। बैठक यही खत्म हुई। बैठक के बाद मृतक बचलू सोमली को नागुल गांव भेज देता है। और उसकी वापसी में १३.७.२०१९ शाम 4 बजे बचलू का शव संदिग्ध परिस्थितियों में नजर आता है। परिजनों ने हत्या की आशंका जताई थी। शव के अंतिम संस्कार के दिन सोमली के मायके पक्ष कटुलनार के पीलू,पोदीया,बुधु पटेल,दशामन बैठक में थप्पड़ जड़े घोटपाल के जिलाराम, पायकू पर मौत का आरोप लगाने लगते है। पर कटुलनार गांव के सरपंच सोना ने कटुलनार से पहुँचे हुये ग्रामीणों को थप्पड़ जड़े तीनो से खर्चा पकड़कर बात रफा दफा करने की बात कहकर बचलू के शव को दफना देते है। बचलू का अंतिम संस्कार घोटपाल और कटुलनार गांव के रिश्तेदार और ग्रामीणों के बीच हो जाता है।
१७.६.२०१९ को कटुलनार से मृतक बचलू के ससुराल पक्ष वाले फिर पहुँचते है। इस बार हाथ मे खून से सना एक कपड़ा भी लेकर घोटपाल गांव पहुँचते है। और दोनों पंचायतो की बैठक कर थप्पड़ जड़े तीनो युवको पर कथित हत्या का आरोप लगाते हुए 12 लाख रुपये की पेनाल्टी लगा दी। ९.७.१९ को फिर बचलू की मौत के सौदे की पंच हुई। जहाँ लगाये जुर्माने की रकम घोटपाल के तीनो कथित आरोपियों से मांग की गई। पैसे नही होने पर 12 लाख की आधी रकम 6 लाख रुपये तीनो से देने की बात कही गयी। जब पैसे का सौदा नही पटा तो मामला गीदम थाने पहुँच गया। जहाँ तहसीलदार की उपस्थिति में मृतक बचलू का शव निकलवाकर जांच की मांग बचलू की पत्नी सोमली की तरफ से घरवाले और कटुलनार के सरपंच सहित रिश्तेदार करने लगे।
◆ घटना के 1 माह बाद धरती में दफन लाश उखाड़ी गयी पर वह नरकंकाल में तब्दील हो चुकी है। हो सकता है कि जिन्होंने थप्पड़ जड़े वही इस हत्याकांड में भी शामिल हो या फिर यह प्राकृतिक मौत हो या फिर आत्महत्या इस गुथ्थी को सुलझाने की जांच है।
सबसे बड़ी बात यह ये है कि जब बचलू कि मौत १३ जून को हुई तब पुलिस का दरवाजा क्यो नही न्याय के लिए खटखटाया गया। मतलब दोनों पंचायतो ने वक्त पर जबाबदारी नही निभाई। और बचलू कि मौत पर पैसो का पंच करते रह गये। अभी फारेंसिक जांच के बाद ही क्लियर होगा। कि हत्या है या आत्महत्या आरोपित पक्षों से मिले तथ्यों के आधर पर यह रिपोर्ट बनाई गई है।
अजय सिन्हा गीदम टीआई- मृतक की पत्नी की तरफ से एफआईआर दर्ज हुई है। शव बहुत ही डिकम्पोज हालात में निकला। शेष जांच के बाद ही इस मामले में पता चल सकेगा।