बीजापुर: सर्वप्रथम माता मावली की पूजा फिर बाबा चिकटराज देव की पूजा अर्चना कर , धरमराज जात्रा हेतु देवसिराहा द्वारा नाच गान किया जाता है जिसके पश्चात धरमराज देव की पूजा अर्चना कर मान–दान दिया जाता है फिरबड़े कुँअर–छोटे कुंवर की पूजा अर्चना व मान–दान, फिर चिकटराज बाबा का मांनदान एवम गाँव के सुख शान्ति हेतुआशीर्वाद लिया जाता है ततपश्चात अंत मे कारी कंकालिन माता की पूजा अर्चना की जाती है।
इस जात्रा में बारह परघनिया को न्योता भेजा जाता है बारह क्षेत्र के पेरमा, पुजारी ,गायता सियान सजन मिलकर सबसेपहले देव का आह्वान करते हैं। कहतें है आस पास के सिरहा अपने आप बाजा बजने पर खींचें चले आते है देव सिरहानाच गुड़ी के सामने किया गया ,पुरखौती पुजारी द्वारा देव को भोग लगाया जाता है। ग्रामीणों द्वारा मान मानव्वल केलिए चढ़ावा ,धूप ,फल फूल भेंट किया जाता है। आज बहुत सालों बाद माता कारी कंकालीन देव सिरहा भी देखने कोमिला। धरमजात्रा हर वर्ष मनाया जाता बारह परघनिया पाली क्षेत्र के ग्रामीण मिल मनाए धरमराज जात्रा चिकट राजगुड़ी बीजापुर में ग्रामवासियों ने मनाया धरमराज जात्रा
बारह परघनिया को न्योता भेजा जाता है बारह क्षेत्र के परमा, पुजारी ,गायता सियान सजन मिलकर सबसे पहले देवका आह्वान करते हैं। कहतें है आस पास के सिरहा अपने आप बाजा बजने पर खींचें चले आते है देव सिरहा नाच गुड़ी केसामने किया गया ,पुरखौती पुजारी द्वारा देव को भोग लगाया जाता है ग्रामीणों द्वारा मान मानव्वल के लिए चढ़ावा ,धूप,फल फूल भेंट किया जाता है आज बहुत सालों बाद माता कारी कंकालीन देव सिरहा भी देखने को मिला।
इसमें धरमराज जात्रा में पाली क्षेत्र गोरना, भोषागुड़ा, संतोषपुर, तुमनार, पेदा कोड़ेपाल, मुशालूर, तुरनार, धनोरा, मलगोड़ा, मुरकीनार, गुड्डीपाल के लोग उपस्थित रहे।