बीजापुर @:- बीजापुर में माओवादियों के खिलाफ पुलिस की बदली हुयी रणनीति कारगर साबित होते नजर आ रही है.. जनवरी 2019 से अब तक माओवादी जिले में जवानों को बड़ा नुकसान पहुंचाने में कामयाब नहीं हो पाए हैं.. वहीँ नक्सल मोर्चे पर सुरक्षाबल के जवानों को लगातार मिल रही कामयाबियों से बौखलाए माओवादी अब आम नागरिकों को अपना निशाना बनाकर जिले में आतंक फैलाने की फिराक में हैं..

नक्सल मोर्चे पर जवानों को मिल रही लगातार कामयाबी..

बौखलाए माओवादी अब आम नागरिकों को बना रहे अपना निशाना.. बीजापुर में साल 2019 की शुरुआत से ही पुलिस को नक्सल मोर्चे पर लगातार कामयाबियां हाथ लग रहीं हैं.. एक-दो छोटी घटनाओं के अलावा जिले में जवानों को माओवादी कोई ख़ास बड़ा नुकसान पहुंचाने में कामयाब होते नज़र नहीं आ रहे.. सूबे में सरकार बदलने के कुछ दिनों बाद ही जिले के पुलिस कप्तान भी बदल गये.. साथ ही बदल गयी पुलिस की रणनीति.. इसी बदली हुयी रणनीति का सीधा फायदा सुरक्षाबल के जवानों को मिलने लगा है.. जिससे बौखलाए माओवादी अब आम नागरिक को निशाना बनाकार अपने आतंक को लोगों के दिल-दिमाग में ज़िंदा रखना चाहते हैं.. आइये आंकड़ों के माध्यम से आपको समझाने की कोशिश करते हैं कि, पिछले 5 महीने में सुरक्षाबल के जवानों को कैसी कामयाबियां हाथ लगीं हैं..

2019 में अब तक पुलिस को मिली सफलता,

पिछले 5 महीने में 8 अलग-अलग मुठभेड़ों में जवानों ने 12 माओवादियों को मार गिराया.. एरिया डोमिनेशन, गश्त-सर्चिंग, और एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान 1-2 नहीं बल्कि 73 स्थायी वारंटी माओवादियों को गिरफ्तार करने में सुरक्षाबल के जवान कामयाब रहे.. पुलिस के बढ़ते दबाव से घबराए 24 माओवादियों ने लाल आतंक से तौबा कर आत्मसमर्पण कर डाला.. अलग अलग मैकेनिज्म के 22 आई ई डी के साथ माओवादियों के 28 हथियार भी जवानों ने बरामद किया है.. पुलिस को मिल रही इन कामयाबियों से बौखलाए माओवादी आम नागरिकों पर हमला कर 3 आम नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया तो वहीँ अलग अलग माओवादी हमले में 10 आम नागरिको को घायल कर दिया.. पुलिस के नुकसान की बात करी तो एक माओवादी हमले में 2 जवान शहीद हुए जबकि दुसरे हमले में 1 जवान घायल हुआ है. ..

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