दन्तेवाड़ा@ १३नम्बर खदान के उठे विरोध में प्रशासन द्वारा 24 जून सोमवार को हिरौली ग्राम में कथित फर्जीग्राम सभा मे दर्शित नामो के ग्रामीणों के जांच टीम हिरोली में ही ब्यान दर्ज करेगी। जिसके लिए जगह जगह नोटिश गांव में चस्पा किये गये है।
सोमवार को जिस हिरोली गांव में प्रशासन की जांच टीम ब्यान दर्ज करने जाने वाली है, फिलहाल उस गांव तक पहुँचने के लिए मुख्य रास्ता मड़कामीरास होते हुये हिरोली गांव पहुँचना बेहद ही मुश्किल है। क्योकि सड़क को कई जगह से महीनों पहले ही नक्सलियो ने काट रखा है।इसलिए मलंगीर रोड से होते हुये हिरोली गांव जांच टीम पहुँचने का प्रयास करेगी है. किरन्दुल के एसआर गेट से मलांगीर रोड होते हुए कच्चे रास्ते से गुजकर हिरोली गांव का १रास्ता जंगलो से पहुँचता है। जबकि मेन रास्ता लम्बे समय से काट दिया गया है प्रशासन ने अब तक कटी सड़को पर भराव नही किया।
◆ जांच दल में पंचायत संघर्ष समिति के सदस्यों को शामिल नही गया जिससे नाराजगी अब भी बनी है प्रशासन ने तर्क में दिया है कि पंचायतीराज अधिनियम के तहत प्रशासनिक जांच में किसी समिति को शामिल नही किया जा सकता है। वैसे प्रशासन पारदर्शिता की बात करते हुए हिरोली पंचायत में खुले तौर पर ग्राम पंचायत भवन में सबके सामने ग्रामीणों के ब्यान दर्ज करने की बात कर रही है।
हिरोली गांव अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित इलाके में आता है। कल जांच टीम को पहुँचने में सड़क की मशक्कत से पहले गुजरना पड़ेगा अगर दूसरे रास्ते से जांच टीम हिरोली गांव पहुँच भी गयी तो ग्रामीण अपना ब्यान दर्ज कराने जांच टीम के समक्ष पहुँचते भी है या नही ये भी संशय की स्थिति में है। साथ ही सुरक्षा के लिहाज से हिरोली गांव तक 24 को होने वाली जांच पर भारी सुरक्षा बल लगाने का अनुमान है। क्योकि बिन सुरक्षा के बीच सुरक्षित जांच दल अपनी कार्यवाही पूर्ण कर ले या भी प्रशासन के लिए संशय की स्थिति है। प्रशासनिक जांच दल, पंचायत समिति के सदस्य, आदिवासीयो के लीडर, समाजिक कार्यकर्ता और मीडिया 24 को हिरोली गांव पहुँचने का प्रयास करेगी।

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