बीजापुर @ तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र जैसे कोरोना हॉटस्पॉटों से व्यापारी लाकर तेंदूपत्ता खरीदी बस्तर जैसे ग्रीन जोन क्षेत्र के लिए घातक साबित होगा। शुरुवात से प्रशासन और वनविभाग मौनीबाबा बने हुए हैं। व्यापारी और अपने निजी हित साधने जिले को covid19 जैसे गंभीर महामारी की ओर झोंका जा रहा है। सीपीआई के जिला सचिव कामरेड कमलेश झाड़ी ने एक प्रेस बयान जारी कर साशन व प्रशासन के ऊपर एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि जो आंध्र और महाराष्ट्र से ठेकेदार समेत कई मजदूर बस्तर का हरा सोना तेंदू पत्ता खरीदी के लिए आए हैं वह वह बहुत हि खतरनाक है कोरोना वाइरस जैसे महामारी को देखते हुए बहुत बड़ी साशान व प्रशासन की लापरवाही है जिससे यहां के लोग बहुत बड़े मुसीबत में आ सकते हैं।

{NH पर तेंदूपत्ता व्यापारियों से बातचीत करते DFO डी के साहू}

cpi हमेसा से ये मांग करते आई है कि पंचायत स्तर पर समीती घटित कर खरीदी करनी चाहिए जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल जाता और उनके जरूरत भी पूरे होते इसके असली हकदार तो यहां के स्थानीय है। वैसे ही बस्तर में लोग बेरोजगारी और भुकमारी से तंग आकर अंतरराज्य पलायन करने को मजबूर हैं काई लोग तो जान भी गवां चुके हैं क्या एसी व्यवस्ता सरकार के संज्ञान में नहीं है
इस लिए सीपीआई सासन व प्रशासन से अपील करती हैं कि covid_19 को ध्यान में रखते हुए एवं बीजापुर बस्तर व सारे छत्तीसगढ़ को सुरक्चित रखने के लिए जो मजदूर व ठेकेदार दूसरे राज्य से पत्ता खरीदी के लिए आए हैं उन्हें तत्काल वापस भेजा जाए और स्थानीय बेरोजगरों से खरीदी करावाई जाए अन्यता कोरोना जैसे बीमारी बड़ती है तो इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी सासन व प्रशासन की होगी।

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