◆PAMY आवास में मलबे खरीद फरोख्त को लेकर कोई गाईडलाइन नही

दंतेवाड़ा@ दंतेवाड़ा जिले में मीडिया में इन दिनों नगर पालिका दंतेवाड़ा के राजेन्द्र वार्ड में हितग्राही पेंटूराम के मकान पर अवैध कब्जे को मामला सुर्खियों में उठा था. अब इसी मामले में नगर पालिका उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप सिंह ने एक प्रेसवार्ता करते हुये नगर पालिका की इस मामले में कोई भी गलती नही है बताते हुये एकपक्षीय खबर प्रकाशन की बात कह रहे है. श्री सिंह ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि जिसे भिक्षुक बताकर खबरें प्रकाशित की गई है दरअसल वह भिक्षुक नही है वह फर्जी भिक्षुक है, उसके पास 4 मकान है, अब यह सवाल यह उठता है कि अगर वह 4 मकानों का पहले से ही मालिक था तो उसे पांचवा मकान सरकारी पीएम आवास योजना के तहत कैसे और क्यो पालिका ने आबंटित किया?

भिखारियों को प्रमाणित करेगी पालिका श्री सिंह ने प्रेसवार्ता के दौरान दंतेश्वरी मंदिर में बैठने वाले भिखारियों का जल्द ही एक सर्वे करवायेगी जिसके बाद वास्तविक भिखारी और फर्जी भिखारियों की पहचान कर उन्हें मंदिर परिसर में भिक्षाटन के लिए बैठने दिया जाएगा। लेकिन उन्होंने यह बताया कि आखिर किन पैमानों के आधार पर फर्जी और असली भिखारियों का वे सर्वे करवाएंगे। क्या यह सर्वे आर्थिक रूप से होगा या परिवार के सदस्यों की संख्या बल के आधार पर होगा। खैर जो भी हो हास्यास्पद होगा कि नगर पालिका जैसी बड़ी संस्था अपने प्रमुख कार्यो को छोड़कर भिखारियों के सर्वे में जुटेगी।

नपा उपाध्यक्ष ने यह भी कहा कि दंतेवाड़ा जिले में इस तरह से हजारों मकान खरीदे बेचे गये है. जिनकी जानकारी नगरपालिका को भी नही रहती आखिर सरकारी योजना में जब हितग्राही को कोई लाभ शासन से दिया जाता है तो वह उसे सुदृण समृद्ध बनाने के उद्देश्य से दिया जाता है मगर नगरपालिका दंतेवाड़ा में सिर्फ हितग्राहियों को योजना का लाभ देकर भूल जाना कहा तक न्यायसंगत है,

दूसरी तरफ अगर पेंटूराम हितग्राही ने आवास का मलबा बेचा है, और दूसरी तरफ जिस पर खरीदने का आरोप लगा तो नगरपालिका शासकीय आवास बेचने और खरीदने वाले दोनों पर त्वरित कार्यवाही कर पीएम आवास को अपने कब्जे में ले सकती है लेकिन नगर पालिका दंतेवाड़ा के रवैये से ऐसा प्रतीत नही हो रहा है जो इस मामले में ठोस कदम उठाये?

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