दंतेवाड़ा@ छतीसगढ़िया ओलंपिक खेल की कुआकोंडा ब्लाक में धज्जियां उड़ाई जा रही है. जिस खेल को प्रदेश भर में ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने के लिए कांग्रेस सरकार कर रही है। उसे कुआकोंडा ब्लाक में खानापूर्ति की तरह चलाया जा रहा है. सरकारी अव्यवस्थाओं के बीच यह खेल कुआकोंडा ब्लाक के हितावर ग्राम पंचायत के खेल मैदान में शुरू हुआ है. आयोजन को जैसे तैसे पूरा करने के लिए स्कूली बच्चों को मैदान में देशी खेल खिलाकर जनपद पंचायत कुआकोंडा अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रहा है।
पानी को तरसते बच्चे –
खेल मैदान में जो बच्चे खेलने पहुँचे है. उनके लिए पानी की कोई व्यवस्था नही की गई है. प्यास से व्याकुल स्कूली बच्चों के लिए जनपद पंचायत द्वारा खाली पानी के टैंकर खड़े कर दिये गये। इतना ही नही खुले मैदान में चल रहे इस आयोजन के लिए एक भी प्रसाधन केंद्र नही बनाया गया। इससे बुरा क्या हो सकता है। अगर इसी तरह से आयोजन में खानापूर्ति करना था.तो ऐसे आयोजनों का मतलब क्या है।
जानकारी के लिए यह भी बता दे कि छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक के आयोजन की जिम्मेदारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और शहरी क्षेत्र में नगरीय प्रशासन को सौंपा गया है। जिसमे 14 प्रकार की पारम्परिक खेल प्रतियोगिताएं 2 श्रेणी में रखा गया है। इसमें दलीय श्रेणी गिल्ली-डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी (कंचा) जैसी खेल विधाएं शामिल की गई हैं। वहीं एकल श्रेणी की खेल विधा में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़ एवं लंबी कूद को शामिल किया गया है। गांव से लेकर शहर तक, बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इसमें प्रतिभागी बनाना था । पर कुआकोंडा जनपद पंचायत द्वारा इसे सिर्फ स्कूली बच्चों से करवाया जा रहा है।
देवांगन सीईओ कुआकोंडा- पानी की व्यवस्था है, आप तक गलत जानकारी पहुँच रही है।