बीजापुर – आदिवासी युवा छात्र संगठन के युवाओं ने बेदरे आश्रम पहुंचकर आश्रम की हालातो का जायजा लिया और साथ ही 7 साल की मासूम बच्ची की मौत के मामले में स्कूल स्टाफ और बच्चों से चर्चा की। आदिवासी युवा संगठन के युवाओं का आरोप है आश्रम में न व्यवस्थाएं हैं ना ही सुविधाएं हैं और ना ही पर्याप्त मात्रा में शिक्षकों की मौजूदगी है ऐसे में बस्तर के यह नव निहाल आदिवासी छात्र कैसे अपना भविष्य संवारेंगे। युवा संगठन का आरोप है कि जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग बेदरे जैसे संवेदनशील और सुदूर इलाके में व्यवस्थाएं पहुंचने में नाकाम है और लगातार अनदेखी लापरवाही के चलते आदिवासी बच्चों की बीजापुर जिले में मौत की खबरें निकलकर आ रही है।

आदिवासी युवा संगठन ने आरोप लगाया कि आश्रम में बच्चों की पहली से लेकर पांचवीं तक और छठवीं से लेकर आठवीं तक पढ़ाने के लिए मात्र दो शिक्षक की है छठवीं से आठवीं तक के बच्चे एक रूम में बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। और जिन दो कमरों में बच्चे पढ़ाई करते हैं उन कमरों में भी पंखे नदारत हैं। और तो और 6वीं से 8वीं के बच्चों के लिए विषयवार शिक्षक भी नदारत हैं।

युवाओं ने सीधा आरोप लगाया है की शिक्षा विभाग आदिवासी समुदाय के बच्चों के साथ खिलवाड़ कर रहा है। ये भी आरोप लगाया है की बच्ची की मौत के लिए ब्लॉक स्तर के अधिकारी जिम्मेदार हैं जो कभी ऐसे बदहाल और सुविधा विहीन क्षेत्रों में अध्यनरत बच्चों की सुध लेने तक नहीं पहुंचते हैं।

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