दंतेवाड़ा@ पशुधन विकास विभाग भ्रष्टाचार में इस कदर लिप्त दंतेवाड़ा जिले में नज़र आ रहा है। कि विधवा महिलाओं को मिलने वाली योजनाओं में लेयर बर्ड्स के दाने ही अधिकारी हज़म कर जा रहे हैं। दरअसल इन बर्ड्स के लिये पशुधन विकास विभाग द्वारा दाने की व्‍यवस्‍था नही करने की वजह से वे महिलाओं को अपना राशन उन्‍हें खिलाने पड़ रहा है। इसके बाद भी वे अपनी आय में वृद्धि नहीं कर पा रही, क्योंकि ये बर्डस अब अंडे नहीं दे रहे। हितामेटा में करीब तीस से पैंतीस महिलाओं को इस योजना का लाभ दिलाने की नाकाम कोशिश विभाग द्वारा की गयी और अब ये योजना महिलाओं के लिये आफत बन चुकी है। इस योजना में की गयी गड़बड़ी विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के लिये बड़ी मुश्किलें खड़ी कर सकती है।
हाल ही में प्रशासन द्वारा लेयर बर्ड्स से अंडा उत्‍पादन की योजना बनाई गयी। इस योजना के तहत महिलाओं को शेड बनाकर 70 मुर्गियां (लेयर बर्डस) प्रदान की गयी। मनरेगा के तहत पंचायत द्वारा ये शेड बनाकर दिये गये है। बर्ड्स और दाने पशु धन विकास विभाग द्वारा डीएमएफ मद से उपलब्ध कराया गया है। योजना के तहत पशुधन विकास विभाग की ओर से प्रत्‍येक हितग्राही को 70 बर्ड्स प्रदान किये गये थे और प्रत्येक हितग्राही को तीन क्विंटल दाना भी देना था। हितामेटा गांव की नीलदई पति खटिया ने बताया कि उसे भी 70 बर्ड्स दिेये गये थे लेकिन अब केवल आठ बर्ड्स ही जीवित हैं, शेष की मृत्‍यु हो चुकी है। नीलदई ने आगे बताया कि बर्ड्स के साथ ही दाना भी विभाग की ओर से दिया गया था लेकिन दाने की मात्रा अत्याधिक कम होने के कारण अब उन्‍हें अपने घर का राशन बर्डस को खिलाना पड़ रहा है। राशन दुकान से लाये गये चावल वे बर्ड्स को खिला रही हैं, लेकिन इससे अंडा उत्‍पादन नहीं हो रहा है। नीलदई के साथ ही कुछ अन्य महिलाओं ने बताया कि वे ये सोचकर इस योजना के हितग्राही बने ताकि इससे अच्‍छी आय अर्जित कर सके। लेकिन इस योजना की वजह से उन्‍हें नुकसान उठाना पड़ रहा है। हालात ऐसे हो चले है कि वे अब स्वयं को और विभाग को कोसने लगी हैं।

नहीं होता अंडे का कलेक्‍शन ——-
विभाग के प्रभारी उप संचालक अजमेर सिंह का दावा है कि हितग्राहियों के शेड्स से उत्‍पादित अंडो का कलेक्‍शन रोजाना किया जा रहा है, लेकिन रत्‍नीबाई, चंद्रकांती, सनकी, फूलोबाई, आयते ने बताया कि वे उत्‍पादित अंडो की बिक्री के लिये दर-दर घूम रहे हैं। कभी आश्रमों में तो कभी स्‍व सहायता समूहों तो कभी आंगनबाड़ी के माध्‍यम से अंडों की बिक्री की जा रही थी। मुर्गियां प्रदान किए लगभग 6 महीने हो रहे हैं लेकिन आज तक अंडा कलेक्शन करने कोई नहीं पहुंचा। साथ ही यहां उत्‍पादित अंडा जल्‍द खराब होने की शिकायतें सामने आने के बाद मार्केट में लोगों ने इसे लेना बंद कर दिया है। विभाग द्वारा गाड़ी भेजकर अंडा कलेक्‍शन के दावे यहां खोखले साबित हो रहे हैं।

नहीं मिल पा रहा समुचित दाना –—
इन बर्ड्स की मौत का कारण उन्‍हें समुचित दाना नहीं मिल पाना है। हितग्राही पीडीएस का राशन खिलाकर कुछ बर्ड्स को जीवित रखने में सफल तो हुए लेकिन अंडा उत्‍पादन में गिरावट आ गयी है। विभाग द्वारा समुचित दाने की व्‍यवस्‍था नहीं की गयी तो बचे हुए बर्ड्स भी जीवित नहीं बचेंगे।

दर्जन भर लोगों को भी नहीं मिल रहा लाभ — वेटनरी विभाग को दावा है कि डेढ़ सौ से ज्‍यादा लोगों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। साढे़ पांच सौ से ज्‍यादा लोगों को इससे लाभांवित करना है। लेकिन हकीकत में दर्जन भर लोगों को भी इसका लाभ नहीं मिल पा रहा। अपना पेट काटकर महिलाए बर्ड्स पाल रही हैं ऐसे में इस योजना का लाभ कैसे पांच सौ से ज्‍यादा लोगों को दिलाने का दावा कर रहा है ये तो समझ से परे है।

प्रति शेड लगभग तीन क्विंटल दाना देना होता है हमने निर्धारित मात्रा से दुगुने मात्रा में दाने की व्‍यवस्‍था हर शेड में की है। अंडा कलेक्‍शन के लिये विभाग की गाड़ी प्रति दिन गांवों में जाती है। बर्ड्स की मौत किन कारणों से हो रही पता लगाकर समाधान किया जायेगा।
अजमेर सिंह कुशवाह, प्रभारी डीडी, वेटनरी

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