दंतेवाड़ा@ गीदम ब्लाक के हिड़पाल के आश्रित ग्राम भालूनाला के ग्रामीण रामपाल का सामना भालू से हो गया। जब रामपाल अपने खेतों की रखवाली के लिये जा रहे थे तभी सामने से जंगलो से निकलकर भालू ने उन पर सीधा हमला बोल दिया। भालू के लगातार हमले से घायल होते हुये भी रामपाल ने बहादुरी से अकेले ही भालू का सामना किया। रामप्रसाद ने जानकारी की जब भालू ने उन पर हमला किया तो वे पास ही पड़े लकड़ी के डंडे से भालू से भिड़ गये. एक बार भालू उन्हें छोड़कर कुछ दूर जाने के बाद वापस हमला किया।
तब रामपाल ने अपने दोनों हाथों से भालू की गर्दन पड़ककर उसे पछाड़ लगा दी। लेकिन इस लड़ाई में भालू के पंजो से घायल राम प्रसाद लेकामी पिता बुधराम लेकामी को दंतेवाड़ा जिला अस्पताल इलाज के लिये लाया गया है। जहाँ उनके गले, पैर और पीठ में भालू के हमले से चोट के निशान भी है।
इंसान अगर चाहे तो अपनी हिम्मत और हौसले से किसी से भी लड़ सकता है। अगर रामप्रसाद भालू से भिड़े नही होते तो भालू के हमले से शायद ही वे बच पाते।