दंतेवाड़ा@ कोरोना चक्र के बीच में राजनीतिक उठापटक भी दंतेवाड़ा जिले में देखने को मिल रही है। भाजपा के कमजोर संगठन का चेहरा साफ साफ़ दंतेवाड़ा जिले की राजनीति में नजर आ रहा है. 15 साल से भाजपा में रहने वाली इन्द्राशर्मा ने भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया। वे भाजपा में महिला मोर्चा की अध्यक्ष के साथ पार्षद भी वर्तमान में है। उपाध्यक्ष पद के लिए उन्होंने अपनी दावेदारी भी ठोकी थी. मगर उन्हें जीत नही मिली। इसके बाद से ही पार्टी में उनकी लगातार उपेक्षा होती रही जिसके चलते उन्होंने भाजपा का हाथ छोड़ कांग्रेस के पंजे से हाथ मिला लिया। इन्द्रा शर्मा के साथ मनीष भट्टाचार्य, समलू, पूर्व पार्षद कौशल्या ठाकुर, ने भी कांग्रेस ज्वाइन की। सभी चारो भाजपाईयो को विधायक देवती कर्मा और अन्य कांग्रेसियों के सामने पार्टी की सदस्यता दिलाई। साथ ही सभी को कांग्रेस का गमछा और माला पहनाकर पार्टी में शामिल कराया गया।
दंतेवाड़ा में भाजपा इस वक्त डूबती नाव की तरह दिखती नजर आ रही है। जिसकी सबसे बड़ी वजह कमजोर संगठन और जिला अध्यक्ष चैतराम अटामी के संगठन पर कमजोर पकड़ को बताया जाता है। बता दे कि हाल में ही जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव भी भाजपा हार गई थी। उस वक्त भी श्री अटामी की अकुशल राजनीति दंतेवाड़ा जिले में जमकर जग जाहिर हुई थी। इतना ही नही दंतेवाड़ा जिले में भाजपा शून्यकाल में हो गयी है। अलग-अलग खेमे में बटी भाजपा का दामन अब 15-15 साल पुराने कार्यकर्ता भी छोड़ रहे है। विधायक देवती कर्मा के गृहग्राम फरसपाल में चारो भाजपाईयो ने कांग्रेस ज्वाइन करते ही ज्वानिंग का कारण कांग्रेस की रीतिनीति का प्रभाव तो भाजपा में उपेक्षा को बताया। सभी का कहना है कि कांग्रेस पार्टी सभी कार्यकर्ताओं को समानता से अवसर देती है। यहाँ भेदभाव नही है। इस तरह के उलटफेर के बाद भी भाजपा चुप्पी साधे मौनी बाबा बनी हुई है। कांग्रेस में शामिल सभी नेताओं को जिलाध्यक्ष अवधेश गौतम, छविंद्र कर्मा, तूलिका कर्मा,सुलोचना कर्मा ने बधाई दी। इस दौरान कांग्रेस के पीएन उड़कुड़े, अजय मरकाम,आकाश विश्वास,जयराम,मुकुंद ठाकुर,गीतांजलि,मंगल मौर्य के साथ कई कांग्रेसी मौजूद थे।