अर्जुनी – जनपद पंचायत बलौदाबाजार क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम पंचायत अर्जुनी में अवैध ईट भटृठा संचालित कर संचालक मालामाल होते जा रहे है। वही ईट भट्ठा से निकलने वाले धुआ व राख से राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर गर्मी के दिनों में सड़क किनारे बनाए गये ईट भट्ठा से निकलने वाली तपती आग व उड़ती धुंआ राहगीरों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। फिर भी खनिज विभाग, राजस्व विभाग व पर्यावरण विभाग को जानकारी होने के बावजूद अवैध रूप से संचालित सड़क किनारे ईट भट्ठा संचालक पर कार्रवाई न होना ग्रामीणों समझ से परे है। वही अवैध रूप से संचालित ईट भट्ठों के संचालकों पर ग्रामीणों व राहगीरों की शिकायत पर किसी भी प्रकार कार्रवाई नहीं होने के चलते उनके हौसलें बुलंद तो है ही साथ ही राहगीरों के द्वारा ईट भट्ठों से निकलने वाली राख व धुंआ के संबंध में बातचीत करने पर राहगीरों के साथ अभद्र व्यवहार करने पर उतारू हो जाते है। वही अन्य प्रदेश से कमाने खाने आये कुम्हार जाति के लोग ग्राम पंचायत द्वारा घरेलू उपयोग के लिए दिए गए अनापत्ति प्रमाण पत्र की धज्जिया उड़ाते हुए व्यवसाय कर खुब मुनाफा कमाये जा रहे है।
उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय से महज 12 किमी दूर मेन रोड पर स्थित ग्राम पंचायत अर्जुनी के टोनाटार जाने वाले सड़क पर अन्य प्रान्त से आये कुछ लोगों के द्वारा कुम्हार जाति होने का फायदा उठाते हुए लाखों ईटों संग्रहण कर ग्राहकों को बेचा जा रहा है। यहां यह बताना लाजमी हो कि केन्द्र सरकार द्वारा लाल ईटों पर पूर्णरूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। कुम्हार जाति के साथ अन्य जाति के लोग भी लाल ईंटों का निर्माण नहीं कर सकते है। इसके बावजूद कुम्हार जाति के लोग कुम्हार होने का फायदा उठाते हुए अवैध रूप से ईट भट्ठा संचालित कर रहे है। यहां यह बात उल्लेखनीय है कि कुम्हार जाति के लोग स्वयं मकान बनाने के लिए लगभग 50 हजार ईंट का निर्माण कर सकते है। किन्तु यंहा कुम्हार होने का फायदा उठाते हुए सीजन में कई लाखों का ईट बनाकर अपना व्यवसाय चलाकर मालामाल होते जा रहे है। वही इनकों देखकर रसुखदार लोग भी अवैध कारोबार से मोटी कमाई करने में जुट गए है। कुम्हार जाति को भी लाल ईंट बनाने की छुट नहीं है। जानकारी के अनुसार इनकों मिट्टी से बने सामाग्री गमला, मटकियां दिए, खपरैल, आदि बनाने की छुट दी गई है। ईंट बनाने की नियम को कुम्हार जाति वर्ग के लिए शिथिल किया गया है। ऐसे वर्ग के लिए 50 हजार तक ईट बनाने के लिए किसी प्रकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। किन्तु इनकी आड़ में कुम्हार जाति के लोग लाखों ईट बनाकर व्यवसाय करना शुरू कर दिया है। अवैध रूप से रोड किनारे संचालित ईंट भट्ठा संचालन की जानकारी संबंधित विभागों को होने के बावजूद कार्रवाई नहीं किये जाने से सड़कों पर चलने वाले राहगीरों के लिए मुसीबत आन पड़ी है। ग्रामीण पुनम रजक, विजय वर्मा टोनाटार के उपसरपंच गेंदराम वर्मा, रामकुमार जायसवाल, शत्रुहन रजक, गंगादास वैष्णव, पोखराज साहू मिलन मानिकपुरी, बहलू यादव, देवसिंग ध्रुव, चिन्तामणी जायसवाल, लेखराम वर्मा ने बताया कि अर्जुनी व टोनाटार के मध्य सड़क किनारे बनाये गए अवैध ईट भट्ठों से निकलने वाली राख से शाम के वक्त उड़ती डस्ट से राहगीरों के लिए गले का फांस बनता जा रहा है। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि आंख में राख पड़ जाने से 10-15 दिनों तक आंसु बहने व जलन काफी तकलीफे दायक रहती है। ग्रामीणों ने अवैध रूप से सड़क किनारे संचालित ईंट भट्ठो पर कार्रवाई करने की मांग की है।
“इस संबंध में ग्राम पंचायत अर्जुनी के सरपंच ने बताया कि मेरे कार्यकाल में किसी भी ईट भट्ठा संचालक को अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिया गया हैं।”

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