दंतेवाड़ा@ DMF की बंदरबांट का खुला खेल पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के राजपाठ में दंतेवाड़ा जिले के अंदरूनी क्षेत्रो में निर्माण और सप्लाई के नाम पर जमकर हुआ है। यहाँ तक दंतेश्वरी मंदिर कारीडोर और रिवर फ्रंट में अनियमितता मामले में तत्कालिक कलेक्टर विनीत नंदनवार को भाजपा सरकार ने बिना विभाग के मंत्रालय कर भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा संदेश दिया है। बीते सालभर में दंतेवाड़ा जिले के अलग अलग ब्लाक में पंचायतीराज की धज्जियां उड़ाने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई है। इसमें सबसे अधिक कुआकोंडा ब्लाक की पंचायतो में ठेकेदारी प्रथा से 40% अग्रिम राशि के आहरण का खेल हुआ है। पंचायत पर दबाव बनाकर बाहरी ठेकेदारों को कुआकोंडा ब्लाक में तार फेंसिंग, बोर खनन, पौधारोपण आत्मानंद मरम्मत के नाम पर सीओ मोहनीश देवांगन की शय पर नियमों को ताक पर रख करोड़ों के कार्य हुए हैं। जिसमें निर्माण कार्यों के मटेरियल खरीदी के नाम पर नक्सल प्रभावित गांवों में राजधानी की फर्मो का सीधा इस्तेमाल किया गया है।

कुआकोंडा ब्लाक की नकुलनार ग्राम पंचायत में 5 करोड़ की लागत से बन रहे अस्पताल को कई टुकड़ो में करके पंचायत को एजेंसी बनाकर 1 करोड़ 45 लाख रुपये अग्रिम आहरण कर लिया गया। जबकि अबतक निर्माण कार्य में आहरण राशि के एवज में आधा काम भी नही हुआ है। जानकारी के मुताबिक जगदलपुर के ठेकेदार के माध्यम से काम करवाया जा रहा था और उसने भी अधूरा काम छोड़ दिया है।इधर इस तरह के कामो की एक बड़ी फेहरिस्त कुआकोंडा ब्लाक में है। जिसमें पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों की शय पर सीईओ मोहनीश देवांगन ने जमकर भ्रष्टचार को अंजाम दिया है। डीएमएफ मद अन्तर्गत कुआकोंडा ब्लॉक में हुए कार्यों कि जांच कराई जाए तो चौंकाने वाले खुलासे होंगे। पूर्व कलेक्टर के चहेते अधिकारी मोहनीश का हस्तक्षेप जिले के सभी ब्लॉकों में था। इनके इशारे पर कुआकोंडा के आलावा गीदम और कटेकल्याण ब्लॉक में भी बाहरी ठेकेदारों ने जमकर मनमानी की है। तार फेंसिंग, बोर खनन, पौधा रोपण, लाइब्रेरी का निर्माण और जिम का कार्य जैसे दर्जनों कार्यों में डीएमएफ की करोड़ों की राशि पानी तरह बहा दी गई।

यदि दंतेवाड़ा के डीएमएफ और सीएसआर मद की बीते केवल दो वर्षों की निष्पक्ष जांच की जाए तो सरकार की आंखें फटी रह जायेंगी

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