दंतेवाड़ा@ दंतेवाड़ा जिले में अभी हाल में ही 80 से 90 सरपंचों का दल बस से पुरी भ्रमण यात्रा के लिये रवाना हुआ था। इसी भ्रमण यात्रा को लेकर जिला पंचायत सदस्य रामू नेताम ने सवाल खड़े करते हुये इस भ्रमण यात्रा को आदिवासियों के 14 वर्षो से सालाना कोया कुटमा के करसाड को जानबूझकर प्रभावित करने के साथ किसानों के लिये बनी योजना में छल करने का आरोप कांग्रेस पर लगाया है। श्री नेताम ने कहा कि कोया कुटमा परिवार का इस वर्ष का आयोजन गीदम ब्लाक के घोटपाल में 20 जनवरी को होना तय हुआ है। और उस बीच इस तरह से 80-90 सरपंचों को घुमाने के नाम से ले जाना किसी षड्यंत्र से कम नही है।

जिसको प्रभावित करने के उद्देश्य से ही जिले के कांग्रेस प्रतिनिधि शासन प्रशासन से मिलकर जिले के सरपंचों को किसान बताकर फर्जी तरीके से तीर्थ यात्रा के नाम पर भ्रमण पे ले गए हैं। कांग्रेस प्रतिनिधियों को यह बात अच्छे से पता है कि करसाड़ अति वृहद होता है इसलिये पंचायतों से आये कोया कुटमा परिवार की व्यस्था सुनिश्चित करने, संबंधित पंचायतों के सरपंचों को जिम्मेदारी सौंपी जाती है। कांग्रेस राज्य स्तर से ही आदिवासियों के परम्पराओं, आयोजनों को प्रभावित करने का षड्यंत्र कर रहे हैं। राजधानी में आदिवासी युवक के साथ अमानवीय तरीके से मारपीट को देख लो या आदिवासियों के परम्परागत आयोजनों को प्रभावित करने का मामला हो। ऐसा प्रतीत हो रहा है उनके इस कृत्य में अब दंतेवाड़ा जिले के कांग्रेसी भी पूरा साथ दे रहे हैं। भाजपा शासन द्वारा पूर्व में राज्य के वृद्ध जनों के लिए तीर्थ यात्रा जैसी महती योजना चलाई जा रही थी। जिसे कांग्रेस की सरकार सत्ता में आते ही बंद कर दी है। वहीं सरपंचों को किसान किसान बताकर भ्रमण के नाम से फर्जी तरीके से तीर्थ यात्रा पर ले गई है। जिसके खर्च वहन प्रशासन करेगी। उन्होंने कहा कि इस किसानों के नाम से ही भ्रमण कार्यक्रम था तो जिले के 80-90 कोया कुटमा के सरपंचों को ही भ्रमण पर क्यों ले जाया गया कुछ अन्य किसानों को भी साथ ले जाते। इससे ये बात साबित होती है कि जिले में आयोजित होने वाली कोया कुटमा करसाड़ को प्रभावित करने के उद्देश्य से ही सरपंचों को जिले से बहार ले जाया गया है। रामु नेताम ने कहा कि जिले के उच्च पदों पर पदासीन कांग्रेसियों को ये बात अच्छे से पता है कि आगामी दो दिनों में कोया कुटमा करसाड़ का आयोजन होना है। इसके साथ ही श्री नेताम ने यह भी कहा है कि जिला प्रशासन को यह स्पष्ट करना चाहिए कि किस योजना से कांग्रेसी सरपंचों को तीर्थ व भ्रमण में भेजा गया है और इनके आय व्यय पर हुये खर्च को सार्वजनिक करना चाहिये।

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