दन्तेवाड़ा- वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए सरकार पूरी सावधानी बरत रही है। पर दन्तेवाड़ा के हालात इन सबके बीच मे स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बहुत बुरे है. ये सब मैनेजमेंट के चलते खामियां लगातार सामने आ रही है।

दन्तेवाड़ा जिले के कुआकोंडा ब्लाक का सबसे बड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर दन्तेवाड़ा स्वास्थ्य महकमा एक डॉक्टर की व्यवस्था करने में विफल हो रहा है। यहाँ तक कि विभागीय आदेश की धज्जियां भी उड़ाने में कोई कोर कसर नही छोड़ी जा रही है। किरन्दुल के डॉक्टर गजेंद्र सख्या को हाल में ही कुआकोंडा भेजने के लिए एक विभाग ने आदेश जारी किया था जिसका पालन अब तक नही हो पाया।

वही आपको बता दे कि किरन्दुल में सर्वसुविधायुक्त एनएमडीसी अपोलो का अस्पताल है, जहाँ स्वास्थ्य की व्यवस्थाएं भी अच्छी है। और उसी किरन्दुल में 30 बिस्तर सरकारी अस्पताल भी मौजूद है।जिस पर 4 डॉक्टर तैनात है। डॉक्टर पीएस पटेल, डॉक्टर गजेंद्र सांख्या, डॉक्टर राव और नीरज साहू आरएमए तैनात है. और वही ग्रामीण क्षेत्रो में संचालित अस्पताल डॉक्टरों के अभाव झेलते नजर आ रहे है। मगर शहरी क्षेत्र में अधिक कर्मचारी और वही ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाओ के नाम पर एक-दो डॉक्टरों से ही खानापूर्ति की जा रही है।

जबकि आपको बता दे कि छग स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में एसमा लागू किया है. जिसके बावजूद भी दन्तेवाड़ा की इस दशा के पीछे जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियो की कार्यशैली सवालों के घेरे में नजर आती है। साथ ही दन्तेवाड़ा जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में कर्मठता भी नजर आती है।

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