टीकाकरण, टेस्टिंग, कांटेक्ट ट्रेसिंग, प्रोफिलेक्टिक किट के वितरण में सहयोग प्रदान करना करें सुनिश्चित
दंतेवाड़ा@ कलेक्टर दीपक सोनी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जिले की सभी ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक लेकर उनके ग्राम पंचायतों में कोविड-19 से बचाव एवं रोकथाम प्रयासों की समीक्षा की।इस दौरान उन्होंने कहा कि किसी भी ग्रामीण को सर्दी, खाँसी, बुखार एवं अन्य लक्षण आते है तो उनकी पहचान की जायें, और व्यक्ति को कोरोना दवाई किट उपलब्ध करायी जाए। दवाई की डोज के बारे में जानकारी मितानीन द्वारा उनकों बताया जाए। यह अत्यंत आवश्यक है कि कोरोना के लक्षण आते ही व्यक्ति को दवाई दे दी जाये। जो जॉच के बाद पॉजिटिव पाये जाते है उनका प्रतिदिन में दो बार SPO2 ¼oxygen Saturation level½ ऑक्सीमीटर के माध्यम से जांच कर रिकार्ड रखा जाए ताकि अगर किसी व्यक्ति का SPO2 अगर 94 से कम हो तो तत्काल स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी (आयुष विभाग) से संपर्क कर उसकी जानकारी देवे। ताकि व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती करने की आगामी कार्यवाई की जा सकें। लक्षण वाले व्यक्तियों की सूची स्वास्थ्य विभाग को भी उपलब्ध कराई जाये ताकि उनकी कोरोना की जांच की जा सकें लेकिन इसका ध्यान रखना है कि जांच रिपोर्ट का इंतजार नहीं करना है और लक्षण वाले व्यक्तियों को कोरोना दवाई किट के अनुसार उनकी दवाई तुरंत शुरू कर देनी है। इस हेतु सभी कोरोना जागरूकता दल के पास ऑक्सीमीटर और कोरोना दवाई किट की उपलब्ध कराई गई है उनसे तत्काल सम्पर्क करें।
जिले में पर्याप्त संख्या में दवाई किट उपलब्ध है जिसको शिक्षा विभाग या स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करके प्राप्त किया जा सकता है। दल द्वारा होम ऑइसोलेशन में रह रहें संक्रमित व्यक्तियों की Psychological counselling समझाईश प्रतिदिन दूरभाष के माध्यम से दिया जावे। अगर पंचायत में बाहर से आने वाले श्रमिक लोगों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है तो उसकी निगरानी भी करें और यह सुनिश्चित करें कि कम से कम 10 दिन तक वहां रूके हुए कोई भी व्यक्ति पंचायत के अन्य ग्रामीण जन से नही मिले क्योंकि इससे ग्रामीण जन को संक्रमण होने का खतरा होता है। जिले के समस्त जनपद अंतर्गत आने वाले समस्त ग्राम पंचायत जिनकी सीमा किसी अन्य राज्य या अन्य जिले से लगती है तो आन्ध्रप्रदेश से प्रवेश पूर्णताः प्रतिबंधित किया जावे एवं अन्य जिलों से दन्तेवाड़ा जिले में प्रवेश पश्चात अनिवार्यतः कोरोना टेस्टिंग एवं 10 दिवस के क्वारेंटाईन किये जाने की शर्त पर ही प्रवेश देवे। अपनी सुविधानुसार लॉक डाउन लगाए। ग्रामीणों को कोरोना के लक्षण आम लक्षण- बुखार सूखी खांसी थकान। कम पाए जाने वाले लक्षण-खुजली और दर्द, गले में खराश, दस्त, ऑख आना, सरदर्द, स्वाद और गंध न पता चलना, त्वचा पर चकत्ते आना या हाथ या पैर की उंगलियों का रंग बदल जाना। गंभीर लक्षण- सांस लेने में दिक्कत या सांस फूलना, सीने में दर्द या दबाव, बोलने या चलने फिरने में असमर्थ इन सभी बातों से अवगत कराया जाए ताकि संक्रमण ना फैले और ना ही गम्भीर स्थिति बने।
शत प्रतिशत ग्रामीणों जिनकी 45 वर्ष से अधिक उम्र हो को कोरोना का टीकाकरण अनिवार्य रूप से करवाए। साथ ही 18से 44 वर्ष तक के सभी नागरिकों का भी टीकाकरण चार सेंटरों सीएससी गीदम, सीएससी कुआकोंडा, सीएससी कटेकल्याण तथा जिला अस्पताल(बालक प्राथमिक शाला आंवराभाटा) में करवाने के निर्देश दिए। गांव में अनावश्यक रूप से भीड़ भाड़ की स्थिती से बचें।विवाह, अंत्येष्टि, तथा अन्य कार्यक्रमों का सीमित लोगों की उपस्थिति में कोविड के नियमों का पालन करते हुए सम्पन्न कराए। ऐसा नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री अश्वनी देवांगन, डॉ. अमन सिंह, डीपीएम संदीप ताम्रकार, शिक्षा विभाग से एसएल सोरी, सभी जनपद सीईओ, सरपंच एवं सचिव उपस्थित थे।