दंतेवाड़ा- मजदूरों के पलायन का मुद्दा दंतेवाड़ा में राजनीति की हंडी में जमकर उबाल मार रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष तूलिका कर्मा के ब्यान की निंदा भाजपा नेता नंदलाल मुड़ामी ने की तो वही सरपंच संघ ने भी जिला पंचायत अध्यक्ष के ब्यान की कड़े शब्दों में निंदा की।

वही अब इसी मामले कांग्रेस के जिला प्रवक्ता राजकुमार तामो ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मुड़ामी सहित भाजपा के पदाधिकारियों को बीते 15 सालों की याद दिलाते हुये कठघरे में खड़ा कर दिया है।

भाजपा के पदाधिकारी राज्य सरकार के द्वारा जनकल्याणकारी योजना से खीसकते जनाधार से भयभीत हो रहे हैं। भाजपा के शासन काल में फर्जी आंकड़ा बताकर साक्षरता, शिक्षा, स्वच्छता में केन्द्र सरकार से अवार्ड लिया गया। जबकि धरातल में इसका कोई प्रमाण नहीं बचा है। इतना ही नहीं मुड़ामी के क्षेत्र पालनार गांव को कैशलेस ग्राम घोषित किया गया था उसका क्या हाल है, सबके सामने है। भाजपा के शासन काल में पुरे प्रदेश में चिटफंड कम्पनी के एजेंट के माध्यम से दन्तेवाड़ा जिला सहित पुरे प्रदेश के गरीब जनता का पैसा लूटते रहे और इस में भाजपा नेता मंत्री चिटफंड कंपनी के कार्यालय उद्घाटन में सम्मिलित होते रहे हैं। जब चिटफंड कंपनियों को गरीबों का पैसा लौटाने का समय आया तो कंपनी एजेंट को भगाने में भाजपा का पुरा सहयोग रहा है। भाजपा के शासन काल में दन्तेवाड़ा जिले में मजदूरों को पड़ोसी राज्य आंध्रप्रदेश, तेलंगाना जाना पड़ता था कई बार तो मजदूरों को वापस आने के लिए प्रशासन का सहयोग लेना पड़ता था। जिसका रिकार्ड आज भी प्रशासन के पास है, भाजपा के शासन काल का रिकार्ड उठाकर देखेंगे तो दुध का दुध पानी का पानी हो जायेगा। वही प्रवक्ता तामो ने आगे लिखा कि जिला पंचायत अध्यक्ष के ऊपर जनप्रतिनिधियों को धमकाने का आरोप लगाना निराधार है।

जिला पंचायत उपाध्यक्ष जिला अस्पताल में डाॅक्टरों के साथ बदतमीजी की थी, उसे भी पूरे जिलेवासी भूले नहीं हैं। भूपेश सरकार मजदूरों को दूसरे राज्य जाने से रोक रहे हैं और पंचायतों में रोजगार व्यवस्था कर रहे हैं। इस से आप लोग को तकलीफ क्यों हो रहा है। भाजपा के जैसे कांग्रेस सरकार फर्जी आंकड़ा पेश नहीं कर रही बल्कि दन्तेवाड़ा को विकास की राह के लिए गढ़ रही है।

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