दंतेवाड़ा@ दंतेवाड़ा जिले में पशु विभाग द्वारा हितग्राहियों को कड़कनाथ मुर्गी पालन योजना के नाम पर पशुविभाग दंतेवाड़ा द्वारा ठगी करने का नया मामला गीदम के माधोपारा निवासी गोपाल कोशल का उजागर हुआ है। जहाँ कड़कनाथ मुर्गीपालन के नाम से विभाग द्वारा 30 हजार रुपये अनुदान राशि के नाम पर पहले लिया गया.वर्षभर में भी जब हितग्राही के घर पर शेड निर्माण और योजना से जुड़ी कोई भी जानकारी विभाग द्वारा हितग्राही गोपाल को नही दी गयी तो उसने विभाग के प्रभारी डीडी अजमेर कुशवाह से अपनी योजना के नाम पर जमा अनुदान राशि की मांग की जिस पर उसे नगद 30हजार रुपये अधिकारी ने लौटा दिये साथ ही योजना से जुड़ा एक बोर्ड भी किसान के घर पर विभाग छोड़ आया।
बोर्ड पर कार्य की लागत 5,60,000 रुपये लिखी :- दरअसल में पशुविभाग दंतेवाड़ा द्वारा जो बोर्ड हितग्राही गोपाल के घर मे छोड़ा गया उस पर कार्ययोजना के नाम से 5लाख60 हजार रुपये विभाग जिला खनिज न्यास निधी (DMFफंड)से खर्च बता रहा है। मगर किसान को ग्राउंड में इस योजना में एक भी रुपये का लाभ नही हुआ मतलब साफतौर पर किसान को जारी योजना के नाम पर विभाग ने भ्रष्टाचार कर पूरी राशि डकार ली।
समझिये विभाग ने कैसे धोखाधड़ी की किसान की योजना से-
जब हितग्राही गोपाल से विभाग ने कड़कनाथ मुर्गीपालन योजना के नाम पर 30 हजार रुपये अनुदान राशि मांगी तो उस हितग्राही के नाम पर 5 लाख 60 हजार रुपये की पूरी योजना जारी हो गयी. मगर उसकी योजना के शेड मुर्गी वितरण और दाना कागजो में पशुधन विभाग दंतेवाड़ा ने पूर्ण कर गरीब किसान गोपाल की पूरी योजना डकार ली। जब किसान वर्षभर बाद भी योजना से वंचित रहा तब विभाग के प्रभारी डीडी अजमेर कुशवाह से उसने अपनी अनुदान राशि वापस मांगी अधिकारी ने उसे नगद 30 हजार रुपये लौटा भी दिये। मगर सवाल यह उठता है कि आखिर गोपाल की योजना के लिए जारी राशि मे उसके पास शेड से लेकर जब कुछ बना ही नही तो उसकी योजना के पैसे कहा गायब हो गये??