दंतेवाड़ा पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय। पुलिस लाइन से सीधे पहुंचे दंतेश्वरी माता के मंदिर। दंतेश्वरी माता के...
बीजापुर :- माओवाद प्रभावित बीजापुर जिले के शांतिनगर बीजापुर निवासी तथा रक्षित केन्द्र बीजापुर में सहायक आरक्षक...
बीजापुर: सर्वप्रथम माता मावली की पूजा फिर बाबा चिकटराज देव की पूजा अर्चना कर , धरमराज जात्रा हेतु देवसिराहा द्वारा नाच गान किया जाता है जिसके पश्चात धरमराज देव की पूजा अर्चना कर मान–दान दिया जाता है फिरबड़े कुँअर–छोटे कुंवर की पूजा अर्चना व मान–दान, फिर चिकटराज बाबा का मांनदान एवम गाँव के सुख शान्ति हेतुआशीर्वाद लिया जाता है ततपश्चात अंत मे कारी कंकालिन माता की पूजा अर्चना की जाती है। इस जात्रा में बारह परघनिया को न्योता भेजा जाता है बारह क्षेत्र के पेरमा, पुजारी ,गायता सियान सजन मिलकर सबसेपहले देव का आह्वान करते हैं। कहतें है आस पास के सिरहा अपने आप बाजा बजने पर खींचें चले आते है देव सिरहानाच गुड़ी के सामने किया गया ,पुरखौती पुजारी द्वारा देव को भोग लगाया जाता है। ग्रामीणों द्वारा मान मानव्वल केलिए चढ़ावा ,धूप ,फल फूल भेंट किया जाता है। आज बहुत सालों बाद माता कारी कंकालीन देव  सिरहा भी देखने कोमिला। धरमजात्रा हर वर्ष मनाया जाता बारह परघनिया पाली क्षेत्र के ग्रामीण मिल मनाए धरमराज जात्रा चिकट राजगुड़ी बीजापुर  में ग्रामवासियों ने मनाया धरमराज जात्रा  बारह परघनिया को न्योता भेजा जाता है बारह क्षेत्र के परमा, पुजारी ,गायता सियान सजन मिलकर सबसे पहले देवका आह्वान करते हैं। कहतें है आस पास के सिरहा अपने आप बाजा बजने पर खींचें चले आते है देव सिरहा नाच गुड़ी केसामने किया गया ,पुरखौती पुजारी द्वारा देव को भोग लगाया जाता है ग्रामीणों द्वारा मान मानव्वल के लिए चढ़ावा ,धूप,फल फूल भेंट किया जाता है आज बहुत सालों बाद माता कारी कंकालीन देव  सिरहा भी देखने को मिला।  इसमें धरमराज जात्रा में पाली क्षेत्र गोरना, भोषागुड़ा, संतोषपुर, तुमनार, पेदा कोड़ेपाल, मुशालूर, तुरनार, धनोरा, मलगोड़ा, मुरकीनार, गुड्डीपाल के लोग उपस्थित रहे।
बीजापुर: सर्वप्रथम माता मावली की पूजा फिर बाबा चिकटराज देव की पूजा अर्चना कर , धरमराज जात्रा हेतु देवसिराहा द्वारा नाच गान किया जाता है जिसके पश्चात धरमराज देव की पूजा अर्चना कर मान–दान दिया जाता है फिरबड़े कुँअर–छोटे कुंवर की पूजा अर्चना व मान–दान, फिर चिकटराज बाबा का मांनदान एवम गाँव के सुख शान्ति हेतुआशीर्वाद लिया जाता है ततपश्चात अंत मे कारी कंकालिन माता की पूजा अर्चना की जाती है। इस जात्रा में बारह परघनिया को न्योता भेजा जाता है बारह क्षेत्र के पेरमा, पुजारी ,गायता सियान सजन मिलकर सबसेपहले देव का आह्वान करते हैं। कहतें है आस पास के सिरहा अपने आप बाजा बजने पर खींचें चले आते है देव सिरहानाच गुड़ी के सामने किया गया ,पुरखौती पुजारी द्वारा देव को भोग लगाया जाता है। ग्रामीणों द्वारा मान मानव्वल केलिए चढ़ावा ,धूप ,फल फूल भेंट किया जाता है। आज बहुत सालों बाद माता कारी कंकालीन देव  सिरहा भी देखने कोमिला। धरमजात्रा हर वर्ष मनाया जाता बारह परघनिया पाली क्षेत्र के ग्रामीण मिल मनाए धरमराज जात्रा चिकट राजगुड़ी बीजापुर  में ग्रामवासियों ने मनाया धरमराज जात्रा  बारह परघनिया को न्योता भेजा जाता है बारह क्षेत्र के परमा, पुजारी ,गायता सियान सजन मिलकर सबसे पहले देवका आह्वान करते हैं। कहतें है आस पास के सिरहा अपने आप बाजा बजने पर खींचें चले आते है देव सिरहा नाच गुड़ी केसामने किया गया ,पुरखौती पुजारी द्वारा देव को भोग लगाया जाता है ग्रामीणों द्वारा मान मानव्वल के लिए चढ़ावा ,धूप,फल फूल भेंट किया जाता है आज बहुत सालों बाद माता कारी कंकालीन देव  सिरहा भी देखने को मिला।  इसमें धरमराज जात्रा में पाली क्षेत्र गोरना, भोषागुड़ा, संतोषपुर, तुमनार, पेदा कोड़ेपाल, मुशालूर, तुरनार, धनोरा, मलगोड़ा, मुरकीनार, गुड्डीपाल के लोग उपस्थित रहे।
बीजापुर: सर्वप्रथम माता मावली की पूजा फिर बाबा चिकटराज देव की पूजा अर्चना कर , धरमराज जात्रा हेतु देवसिराहा द्वारा नाच गान किया जाता है जिसके पश्चात धरमराज देव की पूजा अर्चना कर मान–दान दिया जाता है फिरबड़े कुँअर–छोटे कुंवर की पूजा अर्चना व मान–दान, फिर चिकटराज बाबा का मांनदान एवम गाँव के सुख शान्ति हेतुआशीर्वाद लिया जाता है ततपश्चात अंत मे कारी कंकालिन माता की पूजा अर्चना की जाती है। इस जात्रा में बारह परघनिया को न्योता भेजा जाता है बारह क्षेत्र के पेरमा, पुजारी ,गायता सियान सजन मिलकर सबसेपहले देव का आह्वान करते हैं। कहतें है आस पास के सिरहा अपने आप बाजा बजने पर खींचें चले आते है देव सिरहानाच गुड़ी के सामने किया गया ,पुरखौती पुजारी द्वारा देव को भोग लगाया जाता है। ग्रामीणों द्वारा मान मानव्वल केलिए चढ़ावा ,धूप ,फल फूल भेंट किया जाता है। आज बहुत सालों बाद माता कारी कंकालीन देव  सिरहा भी देखने कोमिला। धरमजात्रा हर वर्ष मनाया जाता बारह परघनिया पाली क्षेत्र के ग्रामीण मिल मनाए धरमराज जात्रा चिकट राजगुड़ी बीजापुर  में ग्रामवासियों ने मनाया धरमराज जात्रा  बारह परघनिया को न्योता भेजा जाता है बारह क्षेत्र के परमा, पुजारी ,गायता सियान सजन मिलकर सबसे पहले देवका आह्वान करते हैं। कहतें है आस पास के सिरहा अपने आप बाजा बजने पर खींचें चले आते है देव सिरहा नाच गुड़ी केसामने किया गया ,पुरखौती पुजारी द्वारा देव को भोग लगाया जाता है ग्रामीणों द्वारा मान मानव्वल के लिए चढ़ावा ,धूप,फल फूल भेंट किया जाता है आज बहुत सालों बाद माता कारी कंकालीन देव  सिरहा भी देखने को मिला।  इसमें धरमराज जात्रा में पाली क्षेत्र गोरना, भोषागुड़ा, संतोषपुर, तुमनार, पेदा कोड़ेपाल, मुशालूर, तुरनार, धनोरा, मलगोड़ा, मुरकीनार, गुड्डीपाल के लोग उपस्थित रहे।
बीजापुर: सर्वप्रथम माता मावली की पूजा फिर बाबा चिकटराज देव की पूजा अर्चना कर , धरमराज जात्रा हेतु देवसिराहा द्वारा नाच गान किया जाता है जिसके पश्चात धरमराज देव की पूजा अर्चना कर मान–दान दिया जाता है फिरबड़े कुँअर–छोटे कुंवर की पूजा अर्चना व मान–दान, फिर चिकटराज बाबा का मांनदान एवम गाँव के सुख शान्ति हेतुआशीर्वाद लिया जाता है ततपश्चात अंत मे कारी कंकालिन माता की पूजा अर्चना की जाती है। इस जात्रा में बारह परघनिया को न्योता भेजा जाता है बारह क्षेत्र के पेरमा, पुजारी ,गायता सियान सजन मिलकर सबसेपहले देव का आह्वान करते हैं। कहतें है आस पास के सिरहा अपने आप बाजा बजने पर खींचें चले आते है देव सिरहानाच गुड़ी के सामने किया गया ,पुरखौती पुजारी द्वारा देव को भोग लगाया जाता है। ग्रामीणों द्वारा मान मानव्वल केलिए चढ़ावा ,धूप ,फल फूल भेंट किया जाता है। आज बहुत सालों बाद माता कारी कंकालीन देव  सिरहा भी देखने कोमिला। धरमजात्रा हर वर्ष मनाया जाता बारह परघनिया पाली क्षेत्र के ग्रामीण मिल मनाए धरमराज जात्रा चिकट राजगुड़ी बीजापुर  में ग्रामवासियों ने मनाया धरमराज जात्रा  बारह परघनिया को न्योता भेजा जाता है बारह क्षेत्र के परमा, पुजारी ,गायता सियान सजन मिलकर सबसे पहले देवका आह्वान करते हैं। कहतें है आस पास के सिरहा अपने आप बाजा बजने पर खींचें चले आते है देव सिरहा नाच गुड़ी केसामने किया गया ,पुरखौती पुजारी द्वारा देव को भोग लगाया जाता है ग्रामीणों द्वारा मान मानव्वल के लिए चढ़ावा ,धूप,फल फूल भेंट किया जाता है आज बहुत सालों बाद माता कारी कंकालीन देव  सिरहा भी देखने को मिला।  इसमें धरमराज जात्रा में पाली क्षेत्र गोरना, भोषागुड़ा, संतोषपुर, तुमनार, पेदा कोड़ेपाल, मुशालूर, तुरनार, धनोरा, मलगोड़ा, मुरकीनार, गुड्डीपाल के लोग उपस्थित रहे।
बीजापुर: सर्वप्रथम माता मावली की पूजा फिर बाबा चिकटराज देव की पूजा अर्चना कर , धरमराज जात्रा हेतु देवसिराहा द्वारा नाच गान किया जाता है जिसके पश्चात धरमराज देव की पूजा अर्चना कर मान–दान दिया जाता है फिरबड़े कुँअर–छोटे कुंवर की पूजा अर्चना व मान–दान, फिर चिकटराज बाबा का मांनदान एवम गाँव के सुख शान्ति हेतुआशीर्वाद लिया जाता है ततपश्चात अंत मे कारी कंकालिन माता की पूजा अर्चना की जाती है। इस जात्रा में बारह परघनिया को न्योता भेजा जाता है बारह क्षेत्र के पेरमा, पुजारी ,गायता सियान सजन मिलकर सबसेपहले देव का आह्वान करते हैं। कहतें है आस पास के सिरहा अपने आप बाजा बजने पर खींचें चले आते है देव सिरहानाच गुड़ी के सामने किया गया ,पुरखौती पुजारी द्वारा देव को भोग लगाया जाता है। ग्रामीणों द्वारा मान मानव्वल केलिए चढ़ावा ,धूप ,फल फूल भेंट किया जाता है। आज बहुत सालों बाद माता कारी कंकालीन देव  सिरहा भी देखने कोमिला। धरमजात्रा हर वर्ष मनाया जाता बारह परघनिया पाली क्षेत्र के ग्रामीण मिल मनाए धरमराज जात्रा चिकट राजगुड़ी बीजापुर  में ग्रामवासियों ने मनाया धरमराज जात्रा  बारह परघनिया को न्योता भेजा जाता है बारह क्षेत्र के परमा, पुजारी ,गायता सियान सजन मिलकर सबसे पहले देवका आह्वान करते हैं। कहतें है आस पास के सिरहा अपने आप बाजा बजने पर खींचें चले आते है देव सिरहा नाच गुड़ी केसामने किया गया ,पुरखौती पुजारी द्वारा देव को भोग लगाया जाता है ग्रामीणों द्वारा मान मानव्वल के लिए चढ़ावा ,धूप,फल फूल भेंट किया जाता है आज बहुत सालों बाद माता कारी कंकालीन देव  सिरहा भी देखने को मिला।  इसमें धरमराज जात्रा में पाली क्षेत्र गोरना, भोषागुड़ा, संतोषपुर, तुमनार, पेदा कोड़ेपाल, मुशालूर, तुरनार, धनोरा, मलगोड़ा, मुरकीनार, गुड्डीपाल के लोग उपस्थित रहे।
पवन दुर्गम, बीजापुर : बस्तर और सरगुजा संभाग में हाल ही में  बीएड योग्यता धारी सहायक शिक्षकों की सेवा सुरक्षाको लेकर गहराते संकट के बीच, एक दुखद घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। दंतेवाड़ा जिले की सहायकशिक्षिका, स्वर्गीय हेमा सिंह मैडम, जो जिला कलेक्टर को बीएड शिक्षकों की सेवा सुरक्षा हेतु ज्ञापन सौंपकर लौट रहीथीं, दुर्भाग्यवश सड़क दुर्घटना में उनका निधन हो गया।   ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले में  बीएड योग्यता को प्राथमिक शिक्षक पद के लिए अमान्य घोषित कियागया है, जिसके कारण बस्तर और सरगुजा संभाग के सैकड़ों सहायक शिक्षक गहरे संकट में हैं। इस फैसले से न केवलउनकी नौकरी, बल्कि उनका भविष्य भी अधर में लटक गया है।   हेमा सिंह मैडम, अपने साथियों के हक की लड़ाई लड़ते हुए अंतिम समय तक सेवा सुरक्षा के लिए संघर्ष करती रहीं।आज, बस्तर संभाग के सैकड़ों बीएड सहायक शिक्षक लालबाग मैदान, जगदलपुर में एकत्रित हुए और उनके सम्मान मेंलालबाग मैदान से कोतवाली तक कैंडल मार्च निकालते हुए उन्हें भावभिनी श्रद्धांजलि अर्पित किए। इस घटना नेशिक्षकों के बीच गहरे दर्द और असुरक्षा की भावना को जन्म दिया है, जो अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता में जी रहेहैं।  
पवन दुर्गम, बीजापुर : बस्तर और सरगुजा संभाग में हाल ही में  बीएड योग्यता धारी सहायक शिक्षकों की सेवा सुरक्षाको लेकर गहराते संकट के बीच, एक दुखद घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। दंतेवाड़ा जिले की सहायकशिक्षिका, स्वर्गीय हेमा सिंह मैडम, जो जिला कलेक्टर को बीएड शिक्षकों की सेवा सुरक्षा हेतु ज्ञापन सौंपकर लौट रहीथीं, दुर्भाग्यवश सड़क दुर्घटना में उनका निधन हो गया।   ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले में  बीएड योग्यता को प्राथमिक शिक्षक पद के लिए अमान्य घोषित कियागया है, जिसके कारण बस्तर और सरगुजा संभाग के सैकड़ों सहायक शिक्षक गहरे संकट में हैं। इस फैसले से न केवलउनकी नौकरी, बल्कि उनका भविष्य भी अधर में लटक गया है।   हेमा सिंह मैडम, अपने साथियों के हक की लड़ाई लड़ते हुए अंतिम समय तक सेवा सुरक्षा के लिए संघर्ष करती रहीं।आज, बस्तर संभाग के सैकड़ों बीएड सहायक शिक्षक लालबाग मैदान, जगदलपुर में एकत्रित हुए और उनके सम्मान मेंलालबाग मैदान से कोतवाली तक कैंडल मार्च निकालते हुए उन्हें भावभिनी श्रद्धांजलि अर्पित किए। इस घटना नेशिक्षकों के बीच गहरे दर्द और असुरक्षा की भावना को जन्म दिया है, जो अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता में जी रहेहैं।  
The Aware News