रूपेश वर्मा की रिपोर्ट

अर्जुनी/सुहेला – दुनिया में जन्म लेने वाला हर इंसान होश संभालने के बाद नामवान, यशवान व धनवान बनने की चाहत रखता है ,परंतु कार्य के प्रति जुनून ,कड़ी मेहनत और कठिन संघर्ष के अभाव में यह संभव नहीं हो पाता और गिने चुने लोग ही इस मुकाम को छु पाते है। यदि कहा जाए कि ऐसी सफलता के लिए शिक्षा गौण और अनुभव और संस्कार अति आवश्यक है, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।

       क्योंकि महज आठवीं कक्षा तक पढ़े लिखे स्थानीय व्यवसायी रिपुसूदन वर्मा ने इसी जुनून, संघर्ष ,अनुभव और संस्कार के दम पर 1971मे महज 10 हजार रूपये की लागत में परचून की दुकान खोला था जिसे अपने कठिन प्रयास, अनुभव बुद्धि और कौशल  से बढ़ाकर आज न केवल 10 करोड़ रुपए सालाना टर्नओवर करने वाले नामी एवं सफल व्यवसाई बन चुके हैं बल्कि स्वयं का उद्योग लगाने की योजना बना रहे हैंं। बहरहाल वे अपने पेट्रोल पंप ,स्टोन क्रेशर एंड माइन्स ,ट्रांसपोर्टिंग, सिविल कांट्रैक्टर एवं लेबर सप्लायर आदि विभिन्न व्यवसायों के माध्यम से 80 से अधिक लोगों को काम देकर उनके परिवार के परिपालन में सहयोग प्रदान कर रहे हैं।  

     तिल्दा नेवरा के पास तुलसी गांव में जन्मे श्री वर्मा ने प्रयोग दर  प्रयोग अपने व्यवसाय में परिवर्तन कर तरक्की के पायदान पर चढ़े हैं जिसके तहत पास के गांव बैकुंठ में सेंचुरी सीमेंट संयंत्र के निर्माण शुरू होने पर साल भर बाद ही अपनी किराने की दुकान को वहां शिफ्ट कर कपड़े की दुकान भी खोल लिया। उसके बाद 2 साल तक ईट भट्ठा का व्यवसाय कर उसके चूरे एवं टुकड़े की सप्लाई सेंचुरी सीमेंट में किया।

      अत्यंत परिश्रमी आध्यात्मिक विचारधारा एवं छत्तीसगढ़िया सोच के धनी श्री वर्मा यहीं पर नहीं रुके बल्कि दो अन्य पार्टनरों के साथ उन्होंने 1989 में सुहेला के पास बिटकुली स्थित पत्थर खदान से जुड़ गए ।इसी बीच उन दोनों पार्टनरों के शासकीय नौकरी लग जाने के कारण खदान को स्वयं खरीद लिया। इसके पूर्व 1987 से 1993 तक मिर्गी पत्थर खदान से तत्कालीन मोदी सीमेंट संयंत्र में रेलवे के लिए गिट्टी सप्लाई किया।

     बिटकुली खदान के संचालन के लिए 1992 में वे किराए के मकान लेकर सुहेला में रहने लगे और स्वयं के नाम पर  2 अपने भाई खेमलाल वर्मा के नाम पर 3 तथा अपनी धर्मपत्नी मीरा वर्मा के नाम पर एक पत्थर खदान की लीज लेकर सेंचुरी सीमेंट संयंत्र में लाइम स्टोन की सप्लाई करते हुए 1995 में सुहेला में स्वयं का मकान बनवा लिया तथा लाइमस्टोन से हुए लाभ से सन 2005 में सुहेला में पेट्रोल पंप डालकर छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के प्रथम पेट्रोल पंप संचालक बन गए। और आज विभिन्न सीमेंट संयंत्रों मे सिविल कांट्रैक्टर व ट्रांसपोर्टिंग का काम करते हुए स्वयं का उद्योग लगाने की योजना बना रहे हैं।

     श्री वर्मा ने किराना दुकान से वीडियो हाल का संचालन, सीमेंट संयंत्रों के निर्माण काल के समय सिविल कंस्ट्रक्शन कार्य करने सन 2000 में सेंचुरी सीमेंट संयंत्र में लाइमस्टोन सप्लाई करने तथा पेट्रोल पंप को अपने व्यवसाय की तरक्की का अलग-अलग पड़ाव बताया। उन्होंने बताया कि अपनी व्यावसायिक तरक्की के साथ उन्होंने सेंचुरी सीमेंट ने लाइमस्टोन सप्लाई के दौरान छत्तीसगढ़िया तथा समाज के कई अन्य लोगों का गारंटर बनकर वाहन दिलवाया तथा के छूटने की भी गारंटी लिया।अपनी व्यावसायिकता को समाज सेवा से जोड़ने का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि टण्डवा पंचायत के स्टेशन वार्ड बैकुंठ में प्राथमिक शाला नहीं होने के कारण छोटे-छोटे बच्चे 5 किलोमीटर दूर पढ़ने जाते थे तो उन्होंने अन्य चार दोस्तों के साथ वहां पर 15 डिसमिल जमीन खरीद कर साप्ताहिक बाजार लगाया और बाजार ठेके के पैसे मे स्वयं पैसा लगाते हुए स्कूल बिल्डिंग के लिए 30 डिसमिल और भूमि खरीदा तथा सेंचुरी सीमेंट के सहयोग से उसमें भवन बनवाया तथा शिक्षा विभाग के कार्यालयों का का चक्कर काटकर वहां पर प्राथमिक शाला खुलवाया।

      अत्यंत आध्यात्मिक विचारधारा तथा सामाजिक कार्यों में निरंतर सक्रिय रहने वाले श्री वर्मा सुहेला सहित अंचल में होने वाले सामाजिक व धार्मिक आयोजनों में बढ़-चढ़कर सहयोग करने में पीछे नहीं रहते जिन्हें उनके कार्यों के बदौलत समाज द्वारा मुख्यमंत्री के हाथों सम्मानित कराया गया है वहींं दर्जनो बार केंद्रीय पदाधिकारियों द्वारा सम्मानित किया गया है । केंद्र सरकार के माइंस सेफ्टी विभाग से शुन्य दुर्घटना के साथ सुरक्षित खदान संचालन हेतु शील्ड एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया है।

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