– पत्रकारों ने राज्यपाल के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, लिखा निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ हो कार्रवाई

दंतेवाड़ा @ बस्तर में पत्रकारिता किसी दोधारी तलवार पर काम करने से कम नही है. यहाँ सच बोलोगे तो मारे जाओगे या फिर फर्जी मामले में फंसा दिये  जाओगे. अंतर्राष्ट्रीय  रेत तस्करों के सिंडिगेट का भांडा फोड़ दिया तो कोंटा टीआई को  इतना नागवार गुजरा कि  तस्करों और टीआई अजय सोनकर ने मिलकर चार पत्रकारों को एनडीपीएस के मामले में  षड्यंत्र रचकर फसा दिया. पत्रकारों की कार में गांजा रखवा दिया। इस कृत्य को करने के बाद आंध्रा पुलिस से गिरफ्तारी  भी करवा दी। अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। बड़ी तेजी से एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडिया में पत्रकारों के कार के पास कुछ संदेही नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में पत्रकारों की मासूमियत छिपी है। संदेही कार का डोर हैंडल खोलते नजर आ रहे है। पुलिस इस वीडियो के माध्यम से सही से पड़ताल करे तो पूरा दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। बस्तर के पत्रकारों ने इस वीडियो को अपने फेस बुक पेज पर बड़ी प्रमुखता से जगह दी है। इस वीडियो को पत्रकार प्रकरण से जुड़ी एक बड़ी कड़ी मान रहे हैं। ये तो सिर्फ अभी एक वीडियो है। पत्रकारों के पास पुलिस के लिए कई सुलगते सवाल है। इन सवालो के जबाब अभी पुलिस के आला अधिकारियों को देने है।

वर्दीवाला दरोगा मिला हुआ था
टीआई की भूमिका संदिग्ध नही थी तो क्यों हटाया?
बड़ा सवाल है पत्रकारों के खिलाफ कार्यवाही आंध्रा के चिंतूर थाना पुलिस ने की है। छग पुलिस टीआई कोंटा को लाईन अटैच करती है और पत्र भी तत्काल सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाता है। पुलिस के आला अधिकारियों को भी मालूम था कि चारों पत्रकारों को  फसाने में कोंटा टीआई ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। यदि कोंटा टीआई की भूमिका सवालों में नही थी तो उनको लाइन अटैच पत्रकारों की गिरफ्तारी के ठीक 24 घंटे बाद कर दिया गया। वहीं रेत उत्खन पर जिला प्रशासन तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। इन दो कार्यवाहियों  ने पूरे सिस्टम को सवालो के घेरे में खड़ा कर दिया है।


  टीआई के खिलाफ हुई जांच शुरू,
पत्रकारों ने की थी एसपी से शिकायत
इधर आंध्रा पुलिस ने जैसे ही पत्रकारों को गिरफ्तार किया, दक्षिण बस्तर के पत्रकारों में खासी नाराजगी देखने को मिली। कोंटा टीआई की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए पत्रकारों के एक पैनल ने सुकमा एसपी से शिकायत की थी। एसपी सुकमा ने इस आवेदन को संज्ञान में लिया है। उन्होंने एसडीओपी परमेश्चर तिलकवार को जांच करने के लिए पत्र लिखा है। जल्द से जल्द जांच कर रिपोर्ट सौंपने की बात लिखी है। हालांकि इस जांच रिपोर्ट से कितनी सच्चाई सामने आएगी, यह भी देखने की बात होगी।

वरिष्ठ पत्रकारों के सवालों के जबाब से बच रहे है अधिकारी
बस्तर के तमाम वरिष्ठ पत्रकारो ने फेसबुक और वाट्सअप ग्रुप में कई सुलगते सवाल पोस्ट किए है। इन सवालों के जबाब अधिकारियों के पास नही है या यू कहे अधिकारी बचते नजर आ रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार सुरेश महापात्र लिख रहे है कि पत्रकार गाड़ी में गांजा रख कर उल्टा आंध्र की तरफ गया और रेत तस्करों पर कवरेज करता रहा। बेहद हास्यास्पद और शर्मनाक है पुलिस की यह कार्रवाई। खुद पुलिस आत्ममंथन करें और जबाब दे। कोंटा आंध्र सीमा पर पत्रकारों को गांजा के साथ फंसान की साजिश में छग पुलिस की संलिप्तता पर संदेह बढ़ा है।

लॉज में सीसीटीवी के फुटज उसी समय के गायब
पुलिस की संलिप्ता पर इस लिए और सवाल खड़े हो रहे है जिस लॉज में बप्पी राय और उनके साथी रुके थे वहां से सीसीटी फुटेज गायब है। जिस हार्ड डिस्क को आंध्र पुलिस को दिया गया है वही करप्ट है। पुलिस एक सीसीटीवी के फुटेज में रात को लॉज में सर्च करते नजर आ रही है। यह वीडियो वायरल है, लेकिन कार में गांजा रखने वालों का वीडियो नही है। कहा जा रहा है हार्ड डिस्क करप्ट हो गई। बड़ा सवाल है और सब कैप्चर हुआ है, लेकिन उस दौरान का वीडियो लॉज प्रबंधन के पास नही है। न ही पुलिस ने इस वीडियो को रिकबर करवाने का प्रयास किया है।

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