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दन्तेवाड़ा@ सरकारी दुकान और सरकार की सप्लाई की मात्र गीदम शहर में एक ही शराब दुकान है। जहाँ मदिरा प्रेमियों का मेला लगा रहता है। शराब के लिए ग्राहक किसी भी कीमत को अदा कर देते है। क्योकि उन्हें नशा चाहिए चाहे नशा के लिए कितने पैसों का भी नाश हो जाये।

गीदम थानाक्षेत्र में अक्सर पुलिस रूटीन गश्त में लोग इसी दुकान की अंग्रेजी शराब के साथ पकड़ाते है। मगर जब सीमित मात्रा में शराब बिक्री है तो फिर कोचियों को अधिक संख्या में शराब कहा से मिल जाती है। यह शराब दुकानों पर बैठे सेल्समेन की 25 रुपये कारस्तानी से पहुँचती है। जानकारी के मुताबिक गीदम शराब दुकान में सेल्समेन मूल्य से अधिक रुपये लेकर शराब बेच रहे है। शराब की कीमत काउंटर में और ऊपर का दाम में जेब मे रखककर बल्ले बल्ले हो जाता है।

इतना ही नही दारू दुकान के चारो तरफ शराब की खाली बोतले तो अंदर कार्टून ही कार्टून बिखरे पड़े। जबकि दारू कि बोतलो को स्टोर कर कार्टून को भी अलग रखना चाहिए। मगर दन्तेवाड़ा में लगता है आबकारी विभाग को सिर्फ पैसा चाहिए बस, इसलिए ध्यान नही देती है। और छोटे मोटे सेल्समैन भी चाँदी काट रहे है।

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