पाकिस्तान में दो हिंदू लड़कियों के अपहरण और फिर जबरन धर्म परिवर्तन का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है.
इस मामले में मंगलवार को तब नया मोड़ आ गया जब दोनों लड़कियों ने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश से कहा कि उनकी उम्र 18 और 20 साल हो रही है और उन्होंने अपनी मर्ज़ी से इस्लाम धर्म को अपनाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने दोनों लड़कियों को सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया है और इस्लामाबाद में रहने के लिए कहा है.
पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अतहर मिनअल्लाह ने कहा कि कुछ ताक़तें पाकिस्तान की छवि को ख़राब करना चाहती हैं.
कोर्ट ने कहा, ”पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के अधिकार पूरी तरह सुरक्षित हैं. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के अधिकार दूसरे देशों की तुलना में ज़्यादा है.”