नगर के नवनिर्मित 50 सीटर मातृ व शिशु अस्पताल में लगी आग की जांच के लिये भारती चन्द्राकार जॉइन्ट डायरेक्टर हेल्थ रायपुर के नेतृत्व में 5 सदस्यीय रायपुर की टीम के साथ फोरेंसिक एक्सपर्ट व विद्युत विभाग व पीडब्ल्यूडी विभाग की टीमें पहुचीं। सभी जांच टीमें और फोरेंसिक एक्सपर्ट टीमें अपने कार्य मे जुट गयी हैं। जांच के दौरान फोरेंसिक एक्सपर्ट टीम को ज्वलनशील पदार्थ के कंटेनर के टुकड़े फर्श में चिपके हुये मिले हैं जिसका सैम्पल टीम ने कलेक्ट कर लिया है। जांच टीम की प्रभारी भारती चन्द्राकार ने बताया कि जांच टीम अपना कार्य कर रही है। अभी तक आग लगने का मुख्य कारण स्पष्ट नही हो पाया हैं। घटना के हर पहलुओं की बारीकी से जांच की जा रही हैं।
विभागीय जिला अधिकारी ने भी फोरेंसिक जांच में अस्पताल में विस्फोटक चीज के तथ्य पाये जाने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि आगे जांच में पता चलेगा कि जिस ज्वलनशील पदार्थ के कंटेनर में कौन सी चीज रखी हुयीं थी।
*स्टॉफ, मरीज व उनके परिजनों के हुये जांच टीम के समक्ष बयान*
जांच टीम ने अस्पताल में घटना के वक्त मौजूद सभी स्टॉफ व मरीज व उनके परिजनों के बयान लिये। लेकिन स्टॉफ व परिजनों के बयान से लगा कि वो वही बयान दे रहे है जो अस्पताल प्रबंधन दिलवाना चाहता है। इस सब घटनाओं को देखकर लग रहा है जैसे अस्पताल प्रबंधन इस घटना की लीपापोती में लगा हुआ है। बयान के लिये पीडब्ल्यूडी, विद्युत विभाग व ठेकेदार सभी को जांच टीम ने बुलाया और सभी के बयान दर्ज किये गये।
*घटना की जांच नयी दिशा दिशा की तरफ कर रही इंगित*
पूरी घटना के बाद एक नयी कहानी बाहर निकलकर आ रही है कि मरीज व उनके कुछ परिजनों ने डीजल जैसे ज्वलनशील पदार्थ के अस्पताल के अंदर होने व डीजल जैसी स्मेल आने की बात मीडिया के सामने कही थी फोरेंसिक जांच टीम की अभी तक कि जांच इसी बात की तरफ इशारा कर रही हैं। क्योकि अभी तक कि जांच में शॉर्टसर्किट की कोई बात के कोई ठोस प्रमाण नही मिले हैं। क्योकि जांच में वायरिंग में ब्रांडेड वायर लगे होने की बात सामने आ रही हैं। और प्रथम दृष्टया शॉर्टसर्किट की बात के कोई प्रमाण नजर नही आ रहे है क्योंकि एक्सपर्ट के अनुसार अगर शॉर्टसर्किट से आग लगती तो फायर सिस्टम के कारण विद्युत आपूर्ति बंद हो जाती और फायर अलार्म बजने लग जाता।